अक्सर हमारे उत्तराखण्ड में ऐसी घटनायें बहुत कम देखने और सुनने में मिलती है लेकिन एक ऐसी ही घटना हरिद्वार से आ रही है। सिडकुल की महादेवपुरम कालोनी में मूल रूप से गांव सिरासा सिकंदरपुर जिला अयोध्या यूपी निवासी अवधेश कुमार (32) पुत्र राम आसरे अपने परिवार के साथ रहता था। चार मई को लापता हुए फैक्टरी कर्मी अवधेश का शव छह मई को पास में ही एक बिल्डिंग के एक कमरे से बरामद हुआ था। छह साल से किराये पर रह रहा अवधेश घर से चंद मिनट में आने की बात कहकर निकला था। छह मई को बदबू उठने पर शव मिलने की बात सामने आ सकी थी। जिस कमरे से शव मिला था, उस कमरे में रहने वाले युवक शुभंकर के मामा अनिल का अवधेश के घर आना जाना था।
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अवधेश की पत्नी और अनिल एक ही फैक्टरी में काम करते थे। चार मई की शाम को ही अनिल और शुभंकर कमरे में ताला जड़कर फरार हो गए थे, तब से ही पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई थी। अवधेश के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल रिकार्ड से भी साफ हो गया था कि चार मई को अनिल ने फोन किया था। एसओ सिडकुल प्रशांत बहुगुणा ने बताया कि मुख्य आरोपी अनिल पुत्र दीपंचद्र निवासी सिरबार पूरणबास जिला सहरसा बिहार को घर से ही दो दिन पूर्व पकड़ लिया गया था। पूछताछ में आरोपी ने कबूला कि अवधेश की पत्नी के साथ उसके प्रेम प्रसंग था। इस बात को लेकर पति उस पर संदेह करता था। उनके बीच कई बार पूर्व में भी तनातनी हो चुकी थी।
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घटना वाले दिन शराब पीने की बात कहकर बुलाया था। विवाद होने पर तोलिये से गला घोटकर अवधेश की हत्या कर दी थी और वे दोनों फरार हो गए थे। एसओ ने बताया कि हत्याकांड को अनिल ने ही अंजाम दिया है। शुभंकर का रोल साक्ष्य मिटाने में सामने आया है। उसकी भी तलाश कर रहे हैं। हत्याकांड को अंजाम देने के बाद दोनों मामा भांजा बिजनौर की तरफ रवाना हुए थे। वे साइकिल से चंडीघाट चौक तक पहुंचे थे और फिर लिफ्ट मांगकर आगे बढ़ते चले गए। बिहार पहुंचने के बाद दोनों अलग अलग हो गए।