उत्तराखंड के बेटे शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट को मरणोपरांत ‘सेना मेडल’ के सम्मान से नवाजा गया है। बीती 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) को घोषित हुए वीरता पदकों की सूची में इस वीर जांबाज का नाम भी शामिल था। सेना दिवस पर दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम मे थलसेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने शहीद चित्रेश बिष्ट के पिता और पूर्व पुलिस अधिकारी रहे सुरेंद्र सिंह बिष्ट को यह मेडल सौंपा।
आपको बता दें पिछले साल 14 फरवरी को पुलवामा में हुए सबसे बड़े आतंकी हमले के दो दिन बाद का यह मामला है। जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर में एलओसी से करीब 1.5. किलोमीटर अन्दर के एक आईईडी ब्लास्ट में सेना के मेजर चित्रेश बिष्ट शहीद हो गए थे। यह धमाका उस वक्त हुआ था, जब मेजर आतंकियों की ओर से प्लांट किए गए आईईडी बम को डिफ्यूज करने का प्रयास कर रहे थे। राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में एलओसी से करीब 1.5 किलोमीटर अंदर यह धमाका हुआ था। सेना के इंजीनियरिंग विभाग में तैनात मेजर चित्रेश बिष्ट नियंत्रण रेखा के पास एक विस्फोटक डिवाइस को निष्क्रिय कर रहे थे कि वहां पर ब्लास्ट हो गया था।
सरहद पर शहादत के दौरान मेजर चित्रेश की उम्र 28 साल थी। भारतीय सैन्य अकादमी से प्रशिक्षण पूरा कर वे वर्ष 2010 में पासआउट हुए थे। मेजर चित्रेश की शहादत की खबर उस समय आई जब घर पर उनकी शादी की तैयारियां चल रहीं थी। मेजर चित्रेश की शादी सात मार्च 2019 को होनी थी। मरणोपरांत अपने लाडले की वीरता का पदक अपने हाथ में देख पिता की आंखे जरूर नम थी, लेकिन गर्व से सीना भी चौड़ा था। देश की हिफाजत करते हुए कुर्बान हुए इस जांबाज युवा अफसर ने देवभूमि को गौरवान्वित किया है।