जहाँ एक और देहरादून के बोर्डिंग स्कूल में छात्रा संग गैंगरेप का मामला तूल पकड़ रहा है वही दूसरी तरफ देहरादून के प्रसिद उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय मे भी एक टीचर पर तीन छात्राओं ने यौनशोषण का आरोप लगाया है। यह मामला तब प्रकाश मे आया जब बृहस्पतिवार को एक पीड़ित छात्रा के परिजन विश्वविद्यालय मे आये और विवि कुलपति से मुलाकात कर टीचर की शिकायत की।
जानकारी के अनुसार सुद्धोवाला स्थित उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग की तीन छात्राओं ने बताया की जब भी वह किसी काम से आरोपी टीचर के पास जाती थीं, तो टीचर हमेशा उनसे द्विअर्थी संवाद करते और घर पर पार्टी का आमंत्रण देते। पिछले एक महीने से टीचर इन लड़कियों के साथ इस तरह का व्यवहार कर रहा था। एक पीड़ित छात्रा ने बताया कि एक दिन वह स्कॉलरशिप के लिए एक फार्म पर हस्ताक्षर करवाने गई तो टीचर के पास गयी तो आरोपी टीचर ने कहा कि वह फार्म पर हस्ताक्षर तो कर देंगे, मगर इसके बदले उन्हें क्या फायदा होगा?
इस तरह के द्विअर्थी संवाद से तंग आकर पीड़ित छात्रा ने अपने परिजनों को यह बात बताई। बताया जा रहा की टीचर पर लगाए गए आरोप सुप्रीम कोर्ट की विशाखा गाइडलाइन के तहत यौनशोषण की परिधि में आते हैं इसलिए विवि प्रशासन ने जांच समिति गठित कर दी है और मामले की जांच करने के आदेश दे दिए है।
आरोपी टीचर का कहना है की तीनो छात्राएं क्लास में कम आती थी जिसके कारण उनकी अटेंडेंस शॉर्ट हुई और वह यह आरोप लगा रही है। वहीं दूसरी तरफ छात्राओं का कहना है यह सब अपमानजनक लगता है, लेकिन मौखिक परीक्षाएं होनी थी और मौखिक परीक्षाएं के नंबर आरोपी टीचर के हाथ मे थे। अब जब परीक्षाएं खत्म हो गयी है तो उन्होंने हिम्मत जुटा कर आरोपी टीचर के खिलाफ शिकायत की। डॉ. अनीता रावत (कुलसचिव उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी) ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच समिति बना दी है और कहा है की अगर टीचर की गलती सामने आई तो विवि प्रशासन टीचर के खिलाफ कठोर कार्रवाई करेगा।