अपने कार्यकाल की शुरुआत से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इन प्रयासों में जुटे हैं कि कैसे देवभूमि के लोगों का विकास किया जा सके क्यूंकि जो सबसे बड़ी समस्या उत्तराखंड में है वो बेरोजगारी ही है और बेरोजगारी इतनी बड़ी समस्या है जो तमाम तरह की अन्य समस्याओं को भी जन्म देती है जैसे पहाड़ों से हो रहा पलायन, अच्छे स्कूलों का न होना, अच्छी स्वास्थ्य सुविधा न होना और इसके अलावा भी बहुत सारी परेशानियाँ उचित रोजगार न होने के कारण होती हैं। इन्हीं सारी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए अब मुख्यमंत्री रावत ने एक नयी पहल की शुरुआत की है और ये पहल है सहकारिता विभाग के द्वारा युवाओं और किसानों को रोजगार से जोड़ने की।
सहकारिता विभाग के अंतर्गत प्रदेश सरकार 3632 करोड़ रुपये की समेकित राशि जारी कर रही है जिसके जरिये 50 हजार किसानों को आर्थिक लाभ मिलेगा और जिसके पीछे लक्ष्य है किसानों की आय दुगुना करने का। इसके अलावा प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि इस योजना के जरिये 5 लाख युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा जा सके जिसके लिए राज्य की ओर से राष्ट्रीय सहकारिता विकास कारपोरेशन को प्रोजेक्ट भेज दिया गया है। इस पूरे मामले पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ये एक परियोजना पूरे उत्तराखंड के लिए गेम चेंजर हो सकती है इससे एक ओर सहकारिता सिस्टम तो मजबूत होगा ही इसके अलावा भी पहाड़ के युवाओं को तमाम तरह के रोजगार के अवसर प्रदान हो सकते हैं जैसे उद्यान, कृषि, पशुपालन, मत्स्य और डेयरी कारोबार इसमें प्रमुख हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस दौरान ये भी कहा कि आज पूरे भारत में पहाड़ी उत्पादों की बहुत ही ज्यादा मांग है, पर जितनी बाजार में मांग है उसके मुकाबले उत्पादों की उतनी अधिक सप्लाई नहीं हो पा रही है और इस प्रोजेक्ट की पीछे हमारा लक्ष्य ही यही है कि अधिक से अधिक पहाड़ी उत्पादों को पैदा किया जा सके। 3632 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट पर 14 सितंबर को मुहर लगने की संभावना जताई जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब आगामी अक्टूबर माह में उत्तराखंड में होंगे तो उस दौरान इस प्रोजेक्ट को लांच किया जाएगा, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किसानों की आय दोगुना करने की दिशा में उठाए गए कदम से जोड़कर देखा जा रहा है।