उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग जिले के बुढना गाँव का एक युवक जिनका नाम है अनिल सिंह रावत और इनके पिता का नाम है भगवान सिंह रावत। अनिल सिंह को जब काफी समय तक कोई नौकरी नहीं लग रही थी तो उनका संपर्क जुलाई 2015 में केरल की एक एजेंसी से हुआ और इस एजेंसी ने इस 28 वर्षीय युवक की मदद की और उसे टूरिस्ट वीजा पर मलेशिया भेज दिया। इस दौरान टूरिस्ट वीजा के साथ ही उसने मलेशिया के एक होटल में नौकरी शुरू कर दी थी, क्यूंकि होटल के मालिक ने ही उसका टूरिस्ट वीजा बदलवा कर उसे नौकरी पर रखा था अब होटल में नौकरी करते करते अनिल सिंह को लगभग 3 साल हो चुके थे।
पिछले दिनों अनिल सिंह की तबियत कुछ खराब हो गयी तो उसने मालिक से कहा कि वो वापस भारत जाना चाहता है लेकिन आरोपी होटल मालिक ने उसका पासपोर्ट जब्त कर दिया है और उसे वो उसका पासपोर्ट दे भी नहीं रहा है और साथ ही अब वीजा के लिए एक मोटी रकम मांग रहा है और उसने पिछले एक माह का भुगतान भी अनिल सिंह को नहीं किया। अनिल सिंह को भी महसूस हुआ कि उसकी जान को यहाँ कुछ खतरा है तो वो वहां से भागकर मलेशिया में ही एक परिचित के पास रह रहा है और वहीँ से ही इस पूरी घटनाक्रम की जानकारी उसने अपने परिवार को दी।
इसी सम्बन्ध में जन अधिकार मंच के साथ मिलकर पीड़ित के परिजन रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल के पास पहुंचे हैं और जहाँ जिलाधिकारी घिल्डियाल के कहने पर एक पत्र भारत के विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को लिखा जा रहा है और साथ ही मलेशिया में भारतीय दूतावास को भी एक पत्र लिखा गया है जिससे कि पीड़ित अनिल सिंह रावत को जल्द से जल्द मदद पहुंचे और वो सकुशल वापस अपने देश भारत आ सकें। हम सबकी भी यही चाहत है जिस काम के लिए विदेश मंत्री सुषमा जी जानी जाती हैं ऐसा ही काम वो देवभूमि के एक युवक को बचाने में भी करैं।