यहाँ बात हो रही है उत्तराखंड के टिहरी जिले के हिंडोलाखाल की जहाँ के राजकीय महाविद्यालय चन्द्रबदनी में हिंदी के प्रोफेसर हैं डॉक्टर गजेन्द्र चौहान, गजेन्द्र चौहान मूल रूप से उत्तरप्रदेश के मेरठ के शक्ति नगर का रहने वाला है और उसकी एक पत्नी और एक छोटी बच्ची भी है। आजकल पहाड़ों में पुलम फल बहुत ही अच्छी मात्रा में होता है तो हिंडोलाखाल के एक पिता ने अपनी 17 साल की बेटी से कहा कि वो जाकर प्रोफेसर गजेन्द्र चौहान को ये फल देकर आयें, तो जैसे ही मासूम प्रोफेसर के घर पर पहुँची तो उसने उसे वो पुलम दे दिये।
लेकिन प्रोफेसर गजेन्द्र चौहान के मन में तो कुछ और ही बात चल रही थी उसने मासूम से जबरदस्ती करनी शुरू कर दी और जब वो नहीं मानी तो उसने उसे बंधक बना दिया और जब मासूम ने शोर मचाना चाहा तो उसे चाकू दिखाकर कहा कि अगर उसने शोर किया तो वो उसकी जान ले लेगा और फिर उसने मासूम के साथ बलात्कार किया और मासूम को उसके बाद छोड़ते हुए धमकी भी दे दी कि अगर उसने किसी को बताया तो वो उसे जान से मार देगा। घर पहुँचने के बाद मासूम छात्रा गुमशुम सी हो गयी और उसकी हिम्मत नहीं हो पायी कि वो किसी को कुछ बता सके, लेकिन शाम होते होते उसने अपने जीजा जी को ये सारी बात मेसेज में बता दी और फिर जहर खा लिया।
जहर खाने की सूचना घरवालों को पता चली वो तुरंत उसे नजदीकी हॉस्पिटल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हिंडोलाखाल में ले गये जिसके कारण मासूम की जान बच गयी है, बच्ची के बच जाने के पश्चात उसके पिता ने थाने में जाकर आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया और उसके बाद आरोपी प्रोफेसर गजेन्द्र चौहान को गिरफ्तार कर लिया गया है। हिंडोलाखाल के थानाध्यक्ष धीरज बलूनी ने इस पर कहा कि आरोपी पर बलात्कार की धारा 376, जान से मारने की धमकी के लिए धारा 506, जबरन बंधक बनाने के लिए धारा 306 के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया गया है।