कोरोना काल के बीच ऊर्जा निगम ने उपभोक्ताओं को तगड़ा झटका देने की तैयारी काफी पहले से ही कर ली थी लेकिन अब उसपर मुहर भी लग गयी है। कुछ समय पहले से ही प्रदेश में बिजली की नई दर निर्धारित करने की कवायद शुरू हो गई थी। ऊर्जा निगम ने उत्तराखंड में बिजली दरों में करीब दस प्रतिशत की बढ़ोतरी का प्रस्ताव तैयार किया है। अब इसे यूपीसीएल की बोर्ड बैठक में रखा गया। इस तरह जो लोग बिजली की ज्यादा खपत करते हैं, उनके लिए बिजली की बचत शुरू करने का समय आ गया है। उपभोक्ताओं को आने वाले दिनों में बिजली मूल्य बढ़ोतरी का झटका लग गया है।
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उत्तराखंड में एक अप्रैल से बिजली महंगी होगी। इसके लिए उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) ने बढ़ोतरी पर मुहर लगा दी है। अब नए टैरिफ का प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग को भेजा जाएगा। गुरुवार को एमडी डॉ. नीरज खैरवाल की अध्यक्षता में हुई बोर्ड बैठक में बताया गया कि इस साल केवल नौ करोड़ रुपये की बढ़ोतरी का प्रस्ताव यानी 0.12 प्रतिशत भेजा जाएगा। स तरह से होगी बढ़ोतरी
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जानिये पूरी जानकरी–
-बीपीएल परिवारों के लिए बिजली की दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। बीपीएल के अलावा ऐसे उपभोक्ता, जिनके पास एक किलोवाट का कनेक्शन है और वह 100 यूनिट तक का उपभोग करते हैं, उनके लिए भी किसी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं की जाएगी।
– कृषि के लिए नलकूप श्रेणी में बिजली दरों में बढ़ोतरी का कोई प्रस्ताव पास नहीं किया गया है। यानी किसानों को इस साल बिजली दर बढ़ोतरी में राहत रहेगी।
– 25 किलोवाट तक के छोटे उद्योगों के लिए भी इस साल बिजली की दरों में कोई बढ़ोतरी का प्रस्ताव नहीं लाया गया है।
– इसके अलावा घरेलू श्रेणी में 1.99 प्रतिशत, वाणिज्यिक श्रेणी में 4.05 प्रतिशत, एलटी उद्योग श्रेणी में 2.5 प्रतिशत, एचटी उद्योग श्रेणी में 5.13 प्रतिशत बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर यूपीसीएल बोर्ड बैठक में मुहर लगी है। कुल मिलाकर 4.56 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव पास हुआ है।
– बोर्ड बैठक में यह भी तय किया गया है कि रुड़की क्षेत्र में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे।