उत्तराखंड के बागेश्वर में कपकोट के जगथाना में पुराने घर की मरम्मत के लिए मिट्टी खोदते समय मिट्टी के टीले के नीचे दबने से दंपती की मौत हो गई। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराकर दोनों के शव परिजनों को सौंप दिए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जगथाना निवासी देवेंद्र सिंह (31) पुत्र जसौद सिंह और उनकी पत्नी गीता देवी (26) मंगलवार को घर बनाने के लिए घौरागाड़ नामक स्थान पर मिट्टी खोद रहे थे। इसी दौरान मिट्टी का टीला ढह गया और दोनों मिट्टी के नीचे दब गए। ये दोनों जब शाम पांच बजे तक घर नहीं पहुंचे तो परिजनों के साथ ही गांव के लोगों ने इनकी खोजबीन की। इनके मिट्टी खोदने के औजार मिट्टी के टीले के पास पड़े मिले। इस पर लोगों ने घटना की जानकारी पुलिस के साथ ही तहसील प्रशासन को दी।
कपकोट से नायब तहसीलदार पूजा शर्मा, रेगूलर, राजस्व पुलिस कर्मी और एसडीआरएफ की टीम मौके के लिए रवाना हुई। कड़ी मशक्कत के बाद रात करीब एक बजे दोनों के शव मिट्टी के नीचे से निकाले गए। पुलिस ने बुधवार को पंचनामा भरकर दोनों के शव पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय भेज दिए। बागेश्वर में पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए। ग्रामीणों के अनुसार देवेंद्र सिंह मुंबई में नौकरी करता था। लॉकडाउन के बाद वह मुंबई से घर लौटा था।
क्षेत्रवासियों के अनुसार इन दिनों देवेंद्र अपने पुराने मकान की मरम्मत करा रहा था। देवेंद्र और उसकी पत्नी गीता देवी इसी के लिए मिट्टी खोदने के लिए गए थे। देवेंद्र का नौ साल का लड़का और दो साल की बेटी है। दंपती की मौत के बाद ये दोनों बच्चे अनाथ हो गए हैं। हादसे के बाद से गांव में शोक की लहर है। लोगों ने सरकार और प्रशासन से देवेंद्र के बच्चों के पालन पोषण की व्यवस्था कराने की मांग की है।