बात 10 जून की है जब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देहरादून के आईएसबीटी के पास बने वाई शेप फ्लाईओवर का उद्घाटन किया था। और इस फ्लाईओवर को शुरू हुए एक ही दिन हुआ है कि मंगलवार को शासन ने उसकी गुणवत्ता व ट्रैफिक प्लान को लेकर इस पर जांच बैठा दी है। यह फ्लाईओवर उद्घाटन के बाद ही चर्चा का विषय बन गया था और शुरू के दो दिनों में ही डिवाइडर से कुछ वाहनों के टकराने की सूचना से लोक निर्माण विभाग व शासन के माथे पर बल पड़ गया है। अपर मुख्य सचिव लोनिवि ओम प्रकाश ने इसका संज्ञान लेते हुए दिल्ली स्थित श्रीराम इंस्टीटयूट से जांच कराने के आदेश दिए।
लोनिवि के अपर सचिव और मुख्य अभियंता की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित करने के भी निर्देश दिए। ये कमेटी वाई शेप फ्लाईओवर पर यातायात में आ रही दिक्कतों के तकनीकी पहलुओं की जांच करेगी। आपको बता दें 387 मीटर लंबे इस फ्लाईओवर का निर्माण पर 33 करोड़ रुपये में हुआ है। पर इसके निर्माण के दौरान से ही ये चर्चा का विषय बना हुआ है। शुरू से ही आम जनता के साथ-साथ विभाग को भी आशंका थी कि कहीं ये फ्लाईओवर बल्लीवाला पार्ट-2 न बन जाए। और अब दो दिनों के बाद ही यह आशंका सच होती नजर आ रही है।
जब एक आम व्यक्ति भी इस फ्लाईओवर से गुजर रहा है तो उसके मुहं से पहला शब्द यही है कि अरे यह क्या बना दिया। पहले ही दिन फ्लाई ओवर के वाई शेप डिजाइन के चलते वाहन डिवाइडर से टकरा गए। इसे शासन स्तर पर बेहद गंभीरता से लिया जा रहा है। इसके अलावा वाई शेप फ्लाईओवर के निर्माण में इस्तेमाल सामग्री की गुणवत्ता की जांच तटस्थ एजेंसी से कराने का निर्णय लिया गया है। लोक निर्माण विभाग के लिए बल्लीवाला फ्लाईओवर पहले ही नासूर बना है। इस फ्लाईओवर पर कई हादसों में लोगों की जान जा चुकी है। मामला न्यायालय में जाने के बाद विभाग को इसे टू लेन बनाने के आदेश तक हुए हैं।