Home उत्तराखंड जब रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल खुद बन गये यात्री, जानिये फिर क्या...

जब रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल खुद बन गये यात्री, जानिये फिर क्या हुआ

इन दिनों केदारनाथ यात्रा अपने उफान पे है, ये वो समय है जब केदारनाथ यात्रा में हर दिन भक्तों की संख्या के मामले में नये-नये रिकॉर्ड बन रहे हैं। इस बीच एक आम व्यक्ति जो कुर्ता-पजामा पहने, पीठ पर बैग टांगते हुए था वो केदारनाथ यात्रा के लिए चल पड़ता है। 9 जून की रात्रि को प्राइवेट वाहन से 1 बजे से प्रातः 11 बजे तक स्थान गौरीकुण्ड एवं गौरीकुण्ड घोड़ा पड़ाव का वो यात्री के रूप में गुप्त रूप से निरीक्षण करते हुए रात्रि प्रवास गौरीकुण्ड घोड़ा पड़ाव में करता है। इस संबंध में पाया गया कि गौरीकुण्ड घोड़ा पड़ाव में रात्रि 1 बजे से केदारनाथ हेतु घोड़े-खच्चरों का संचालन शुरू हो जाता है।

 

घोड़े-खच्चरों की व्यवस्था देखने पर स्पष्ट होता है कि जवानों के अभाव में घोड़ा पड़ाव पर अत्यन्त अव्यवस्था फैली हुई है। घोड़े खच्चर के स्वामियों द्वारा घोड़े-खच्चरों को रास्ते पर ही खड़ा किया जाना पाया गया, जिससे यात्रियों को अत्यन्त परेशानियां होनी पायी गईं। इस बीच घोड़ा पड़ाव पर पुलिस/होमगार्ड का कोई भी जवान तैनात नहीं पाया गया। इस दौरान यात्रियों तथा घोड़े-खच्चरों की अधिकतम भीड़ रहती है वहां पर पुलिस के जवानों द्वारा मात्र 04 घण्टे की ड्यूटी दी जा रही है, जो अत्यंत गंभीर मामला है। इस संबंध में स्थानीय वाहन चालकों एवं व्यक्तियों से पूछताछ की गई तो उनके द्वारा आक्रोशित होकर अवगत कराया गया कि गौरीकुण्ड में पुलिस की व्यवस्था अत्यधिक कमजोर है।

गौरीकुण्ड शटल सेवा में मात्र 01 ही होमगार्ड का जवान तैनात होने से गौरीकुण्ड से सोनप्रयाग के बीच वाहनों का काफी लम्बा जाम लगा हुआ पाया जाता है एवं शटल सेवा की गाड़ियां गौरीकुण्ड से सोनप्रयाग समय से नहीं पहुँच पा रही हैं। इसके विपरीत सोनप्रयाग में 6-7 जवान शटल सेवा की ड्यूटी पर तैनात पाये गये। यहां पर यात्रियों की लम्बी कतार शटल सेवा के वाहनों का इंतजार करती हुई पायी गई परन्तु वाहनों के समय पर न आने से यात्रियों की लम्बी लाईन बढ़ती जा रही थी तथा पुलिस की इस लचर व्यवस्था को देखते हुए यात्री काफी आक्रोशित थे।

इस बीच रात के 1 बजे से सुबह 11 बजे तक चौकी प्रभारी गौरीकुण्ड, गौरीकुण्ड बाजार, घोड़ा पड़ाव तथा शटल सेवा केन्द्र पर भी दिखाई नहीं दिये, जो चौकी प्रभारी की घोर लापरवाही एवं शिथिलता का परिचायक है, तथा यह भी अत्यन्त गम्भीर विषय है। इसके बाद पता चलता है कि वह यात्री कोई और नहीं बल्कि अपना भेष बदलकर खुद रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल हैं। उन्होंने उपरोक्त तथ्यों के सम्बन्ध में पुलिस अधीक्षक को तत्काल प्रभाव से चौकी प्रभारी गौरीकुण्ड को हटाते हुए उनके विरूद्ध विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारम्भ करने के साथ ही उनके स्थान पर किसी कार्यकुशल अधिकारी की तैनाती करने को कहा है ताकि पुलिस व्यवस्था सुचारू की जा सके एवं देश-विदेश से आने वाले तीर्थ यात्रियों में पुलिस प्रशासन की अच्छी छवि प्रसारित की जा सके। इसके बाद उन्होंने अपने इस समय के दौरान गौरीकुंड से लेकर सोनप्रयाग तक जो भी खामियां पायी उन पर तुरन्त अमल करना शुरू कर दिया है।

 


LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here