तपोवन जल विद्युत परियोजना के बैराज साइड में कार्यरत नंदप्रयाग निवासी सत्य प्रसाद पुरोहित भी सात फरवरी की आपदा के बाद से लापता हैं। नंदप्रयाग घाट के रहने वाले सत्य प्रसाद की पत्नी तीन छोटे बच्चों और बुजुर्ग ससुर के साथ तपोवन में किराए के मकान में रहती हैं। सात फरवरी से शांति देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। पति के बारे में बात करने पर उनका गला भर आता है, जो भी कुशलक्षेम पूछता है शांति की आंखें भर आती है। आगे पढ़ें:
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शांति देवी आपदा के बाद से अपने पति के लौटने का इंतजार कर रही है। इंतजार लंबा होता जा रहा है, लेकिन उन्होंने अभी आस नहीं छोड़ी है। वह उम्मीद कर रही हैं कि उनके पति जिंदा होंगे और जल्दी लौटकर आएंगे। शांति देवी का कहना है कि उनके पति को कंपनी ने चार माह से वेतन नहीं दिया था, जिससे उनकी आर्थिक हालत काफी खराब है। उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले उनके पति को काम के दौरान चोट भी लगी थी, लेकिन तब भी कंपनी ने उनका उपचार नहीं कराया था। बता दें कि ऋषिगंगा की आपदा के 11 दिन बाद भी 146 लोग लापता चल रहे हैं। अभी तक 58 शव और 25 मानव अंग बरामद हुए हैं।