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जिन्दगी की जंग हार गयी देवभूमि की निर्भया, क्या दरिंदे को मिलेगी फांसी की सजा?

सिरफिरे युवक के पेट्रोल हमले में झुलसी उत्तराखंड की निर्भया जिंदगी की जंग हार गई। बात है 9 दिन पहले की जब जिन्दगी और मौत से जूझने के बाद रविवार 23 दिसम्बर को उसने पहाड़ की बेटी ने दिल्ली स्थित सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया। छात्रा के निधन की खबर के बाद से पूरे उत्तराखंड के साथ ही देशभर में भी शोक की लहर फ़ैल गयी है। वही अब दूसरी तरफ पुलिस ने आरोपित युवक के खिलाफ दर्ज मुकदमे को हत्या में तरमीम कर दिया है। सोमवार यानी आज 24 दिसम्बर को पौड़ी के निकट ज्वाल्पा स्थित नयार नदी के किनारे देवभूमि की निर्भया का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

ये पूरा वाकया तब का है जब पौड़ी की बीएससी की छात्रा को छेड़छाड़ का विरोध करने पर एक युवक ने पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया था। कफोलस्यूं पट्टी के पल्ली गांव निवासी छात्रा बीएससी द्वितीय वर्ष की प्रयोगात्मक परीक्षा देकर स्कूटी से अपने घर वापस लौट रही थी, तभी आरोपी गहड़ गांव निवासी मनोज सिंह उर्फ बंटी ने उसका पीछा करना शुरू कर दिया और फिर कुछ देर बाद एक सुनसान जगह पर उसे रोककर छेड़छाड़ करनी शुरू कर दी। पहाड़ की निर्भया ने जब इसका विरोध किया तो वहसी दरिंदे ने पेट्रोल डालकर उसे आग के हवाले कर दिया और मौके से फरार हो गया।

जलने से पहाड़ की बेटी नेहा का 70 प्रतिशत शरीर जल चूका था। कुछ देर बाद मौके से गुजर रहे एक ग्रामीण ने सड़क किनारे छात्रा को जली हुई हालत में पड़ा देखा तो इसकी सूचना पुलिस को दी। हालत गंभीर होने के चलते उसे पौड़ी के जिला अस्पताल से एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया गया। यहां भी हालत में सुधार न होने पर नेहा को 19 दिसंबर को एयर एंबुलेंस से दिल्ली सफदरजंग अस्पताल भेज दिया गया और पिछले चार दिन से उसका इलाज वहीं चल रहा था। बुरी तरह जलने के बावजूद उसका शरीर इलाज के लिए पूरा सहयोग कर रहा था क्यूंकि वो एक बहादुर बच्ची थी। पर 23 दिसम्बर को उसका शरीर उसका साथ न दे सका और पहाड़ की बेटी हम सबको छोड़कर दुनियां को अलविदा कह गयी।


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