उत्तराखंड के चमोली जिले के रैनी में रविवार सुबह ग्लेशियर फट गया। बताया जा रहा है कि ग्लेशियर फटने से धौली नदी में बाढ़ आ गई है। इससे चमोली से हरिद्वार तक खतरा बढ़ गया है। सूचना मिलते ही प्रशासन की टीम मौके के लिए रवाना हो गई है। वहीं, चमोली जिले के नदी किनारे की बस्तियों को पुलिस लाउडस्पीकर से अलर्ट कर रही है। कर्णप्रयाग में अलकनंदा नदी किनारे बसे लोग मकान खाली करने में जुटे
अपर जिलाधिकारी टिहरी शिव चरण द्विवेदी ने बताया कि धौली नदी में बाढ़ आने की सूचना मिलने के बाद जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया है। इसके साथ ही हरिद्वार जिला प्रशासन ने भी अलर्ट जारी कर दिया है। सभी थानों और नदी किनारे बसी आबादी को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। ऋषिकेश में भी अलर्ट जारी किया गया है। नदी से बोट संचालन और राफ्टिंग संचालकों को तुरंत हटाने के निर्देश दिए गए हैं।
बताया जा रहा है कि ग्लेशियर फटने के बाद बांध क्षतिग्रस्त हुआ। जिससे नदियों में बाढ़ आ गई है। तपोवन बैराज पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है। श्रीनगर में प्रशासन ने नदी किनारे बस्तियों में रह रहे लोगों से सुरक्षित स्थानों में जाने की अपील की है। वहीं, नदी में काम कर रहे मजदूरों को भी हटाया जा रहा है।
उधर, बाढ़ के बाद अब धौली नदी का जल स्तर पूरी तक रूका हुआ है। स्टेट कंट्रोल रूम के अनुसार, गढ़वाल की नदियों में पानी ज्यादा बढ़ा हुआ है। करंट लगने से कई लोग लापता बताए जा रहे है।
वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिव आपदा प्रबंधन और डीएम चमोली से पूरी जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री लगातार पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। संबंधित सभी जिलों को अलर्ट कर दिया गया है। लोगों से अपील की जा रही है कि गंगा नदी के किनारे न जाएं। वहीं, बताया जा रहा कि सीएम घटनास्थल का हवाई दौरा भी कर सकते हैं। चमोली जिले के सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं। वहीं, आला अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई जा सकती है।