उत्तराखंड सरकार में नेतृत्व परिवर्तन के बाद पौड़ी गढ़वाल सीट से सांसद तीरथ सिंह रावत की मुख्यमंत्री पद पर ताजपोशी हुई है। पुराने फैसलों को लगातार पलटा जा रहा है। सबसे अहम फैंसला मुख्यमंत्री तीरथ रावत ने यह लिया कि कुंभ में स्नान के लिए आने वाले यात्रियों के लिए कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट लाने की बाध्यता नहीं होगी। उन्होंने कुंभ के लिए शंकराचार्यों और अखाड़ों को भूमि उपलब्ध कराने को भी कहा है। शनिवार शाम सीएम आवास स्थित कैंप ऑफिस में कुंभ मेला समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ में हर कोई गंगा स्नान करना चाहता है। इसलिए यात्रियों को किसी तरह की परेशानी न हो।
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इसके बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड और गैरसैंण कमिश्नरी पर सरकार जनभावनाओं को देखते हुए फिर विचार करेगी। तीर्थ पुरोहितों को बातचीत के लिए बुलाया जाएगा। सरकार का काम लोगों की दिक्कतें दूर करना है, बढ़ाना नहीं। शनिवार शाम सीएम आवास स्थित कैंप ऑफिस में कुंभ मेला समीक्षा बैठक का आयोजन हुआ। जिसमें मुख्यमंत्री ने कुंभ में आने वाले शंकराचार्यों और अखाड़ों को भूमि और जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
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पूर्ववर्ती सरकार के फैसलों को जिस तरह पलटा जा रहा है, उसे देख लगता है कि देवस्थानम बोर्ड और गैरसैंण कमिश्नरी के मामले पर भी जल्द ही पुनर्विचार किया जा सकता है। देवस्थानम बोर्ड का तीर्थ पुरोहित लगातार विरोध कर रहे हैं, जबकि गैरसैंण को मंडल घोषित करने के फैसले को जनभावनाओं के खिलाफ बताया गया। यही पूर्व सीएम त्रिवेंद्र की कुर्सी खिसकने की अहम वजह भी रही। अब प्रदेश के नए मुखिया ने इन फैसलों को बदलने के संकेत दिए हैं।