उत्तर प्रदेश के झांसी के 55 साल के संत रामनारायण गिरि की लंबाई मात्र 18 इंच 18 सेमी है। इनका वजन भी मात्र 18 किलो है। श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े से जुड़े रामनारायण के हरिद्वार स्थित हरकी पैड़ी पहुंचते ही उनको देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। कोई सेल्फी लेने लगा तो कोई आशीर्वाद मांगने लगा। संत रामानारायण गिरि की कद काठी ही उनकी अलग पहचान बन गई है। आगे पढ़ें:
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मूल रूप से झांसी निवासी रामनारायण 15 साल की उम्र में अनाथ हो गए थे। सिर से माता-पिता का साया उठने के बाद जूना अखाड़े से जुड़ गए। वहीं से संत रामनारायण गिरि के रूप में उनको पहचान मिली। वे अब तक उज्जैन, नासिक, प्रयागराज और हरिद्वार के 12 कुंभ देख चुके हैं। संत रामनारायण हरकी पैड़ी पहुंचे तो उन्हें देखने लोगों का तांता लग गया। वो व्हीलचेयर पर बैठे थे और उनका सहयोगी उनको हरकी पैड़ी के दर्शन करा रहा था। संत को देखते ही आसपास श्रद्धालुओं का जमावड़ा लग गया।