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उत्तराखण्ड: गांव में नेटवर्क नहीं, ऑनलाइन पढ़ाई के लिए सिग्नल ढूंढते-ढूंढते जंगल में पहुंचे बच्चे

उत्तराखण्ड के पहाड़ी इलाकों में मोबाइल नेटवर्क का खस्ता हाल है। बात करने के लिए कभी कभी पहाड़ी पे तो कभी गाँव से दूर जा के बात करनी पड़ती है। लॉकडाउन में सभी स्कूल बंद है अब सरकार ने ऑनलाइन क्लास चलाने का फैसला लिया है। लेकिन लॉकडाउन के बीच पढ़ाई को सुचारू रूप से चलाने के लिए शुरू ऑनलाइन क्लासेस का लाभ बच्चे नेटवर्क की समस्या के कारण नहीं उठा पा रहे हैं। बच्चे पढ़ाई के लिए बेहतर नेटवर्क वाले इलाकों में जाने को मजबूर हैं। नैनीताल क्षेत्र की सानिया पलड़िया ने बताया कि वह काठगोदाम के सेंट थेरेसा स्कूल में कक्षा 11 वीं की छात्रा है। सानिया ने बताया कि लॉकडाउन में स्कूल बंद होने से वह अपने घर निगलाट आई हैं। कोरोना के चलते स्कूल ने ऑनलाइन क्लासेस शुरू कर दी हैं, लेकिन निगलाट में नेटवर्क न होने से पढ़ाई बाधित हो रही है।

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मोबाइल फोन और लैपटॉप पर बिना नेटवर्क के ऑनलाइन क्लासेस लेना संभव नहीं है। इस दिक्कत से क्षेत्र के 200 से अधिक बच्चे प्रभावित हैं। होमवर्क को करने के लिए निगलाट से चार किलोमीटर दूर भवाली या क्षेत्र के जंगलों में जाने को मजबूर होना पड़ रहा है। सानिया ने कहा कि नेटवर्क की समस्या को हल कराने के लिए संबंधित कंपनी के अधिकारियों से कहा गया, लेकिन कुछ नहीं हुआ। छात्र किशोर मेहरा, लक्षिता देव, इशिका देव, पार्थ मेहरा ने भी बताया कि नेटवर्क न होने पर उनकी ऑनलाइन पढ़ाई ठप हो गई है। सभी ने मोबाइल नेटवर्क की समस्या को हल करने की अपील की है।

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