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पहाड़ी औरत का शानदार जज्बा, हमलावर तेंदुए से लड़ी और उतारा मौत के घाट

आपने “पहाड़ी नारी, सब पे भारी” कहावत तो सुनी ही होगी। इस कहावत का असली मतलब श्रीनगर गढ़वाल के गहड़ गावं की ममता देवी (38) पत्नी सते सिंह पंवार ने दुनिया को बता दिया है, जिन्होंने गुलदार को पत्थरों से पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया।

जानकारी के लिए आपको बता दे मंगलवार की सुबह 10 बजे के लगभग ममता देवी गांव के पास ही प्राकृतिक जल स्त्रोत पर कपडे़ धो रही थी, कि तभी ममता पर एक गुलदार(तेंदुआ) ने जानलेवा हमला कर दिया। ममता ने मदद के लिए गावं वालों को पुकारा, लेकिन जब तक गावं वाले मदद के लिए आते तब तक ममता ने अपने साहस का परिचय देते हुए खुद ही गुलदार से भीड़ गयी।

ममता ने बताया उसने एक हाथ से गुलदार के हमलों को रोकते हुए, दूसरे हाथ से गुलदार के सर पर पथ्ररों से प्रहार करती रही और अंत मे ममता की जीत हुई। इस जानलेवा हमले मे ममता को बहुत चोटें आयी है, जिसका इलाज श्रीनगर के बेस अस्पताल मे चल रहा है। डॉक्टर ने बताया ममता की हालत अब स्थिर है और वो बहुत जल्दी ठीक हो जाएगी। इस घटना मे ममता ने अपनी आत्मरक्षा के लिए जो साहस का परिचय दिया है वो काबिले तारीफ है।

घटना के बाद, गावं वालों ने बताया जब वह घटना स्थल पर पहुंचे तब तक गुलदार घायल हो चूका था, जिसे गावों वालों ने डंडे से पीट-पीटकर मार डाला। वन विभाग के अधिकारीयों का कहना है कि गुलदार की मौत के कारणों की जांच की जाएगी क्योंकि मृत गुलदार के गले में कुछ पुराने घाव थे और शरीर पर भी चोट के निशान थे।

बताया जा रहा है की गहड़ गाव वन मन्त्री हरक सिंह रावत का गांव है। गावं वालों का कहना है कि कुछ दिनों से गांव में तीन से ज्यादा गुलदार व उनके शावक घूम रहे हैं। जिसकी सुचना प्रशासन और वन विभाग को दी गयी थी, लेकिन सुरक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। वही पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य ने बताया कि मृत गुलदार ने घटना से पहले घास लेने जा रही चार महिलाओं पर भी हमला करने की कोशिश की थी पर महिलाओं के शोर मचाने के कारण गुलदार गदेरे की ओर चला गया था जहाँ ममता देवी कपडे धो रही थी।

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इस घटना के बाद वन विभाग व पुलिस की टीम गांव मे पहुंची और ग्रामीणों को सुरक्षा का भरोसा दिया। वहीं वन अधिनियम 1972 के तहत यह जानवर सरक्षिंत प्रजाति का होने के कारण उसकी मौत की जांच वन विभाग द्वारा करवाई जा रही है। हालांकि वन विभाग के क्षेत्राधिकारी का कहना है कि आत्मरक्षा के लिहाज से मानवीय पहलू को भी कार्यवाही के दौरान देखा जायेगा।

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वही दूसरी तरफ वन विभाग के रेंजर ने बताया कि गुलदारों को पकड़ने के लिए क्षेत्र में पिंजड़ा लगा दिया गया था। गुलदार की मौत पर एके भट्ट, रेंजर (नागदेव रेंज गढ़वाल वन प्रभाग) ने बताया है की “पोस्टमार्टम के बाद गुलदार की मौत के कारणों का पता चल पायेगा। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि गुलदार कुछ दिनों से भूखा है जिसके चलते उसने बस्ती का रुख किया’

 


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