उत्तराखंड में पंचायत चुनाव को लेकर सियासत इन दिनों अपने चरम पर पहुंच चुकी है। चारों ओर धुंआधार प्रचार देखने को मिल रहा है। पर इस बार उत्तराखंड सरकार ने एक अहम फैसला किया था कि दो बच्चों से अधिक बच्चों वाले इस बार चुनाव नहीं लड़ पायेंगे। जिसके बाद इसे उत्तराखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी थी जहाँ हाईकोर्ट ने कहा था कि दो से अधिक बच्चों वाले भी ग्राम पंचायत चुनाव लड़ सकते हैं। जिसके बाद एक बार फिर उत्तराखंड में माहौल गर्म हो गया था।
उत्तराखंड सरकार ने इसके बाद इस मामले में हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। और जिसपर सुप्रीमकोर्ट आज सुनवाई सुनवाई करने वाला है। उत्तराखंड सरकार ने पंचायती राज एक्ट में इसी वर्ष यह संशोधन किया कि दो से अधिक बच्चों वाले लोग पंचायत चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। साथ ही शैक्षिक योग्यता का भी निर्धारण कर दिया। सरकार के इस फैसले को कुछ लोगों ने हाईकोर्ट में चुनौती। बीती 19 सितंबर को हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया था।
इससे पहले उत्तराखंड हाईकोर्ट ने साफ किया कि इस संशोधन को लागू करने की कट ऑफ डेट 25 जुलाई 2019 होगी। मतलब इस तारीख के बाद दो से अधिक बच्चे वाले प्रत्याशी पंचायत चुनाव लड़ने के अयोग्य माने जाएंगे। 25 जुलाई 2019 से पहले जिनके तीन बच्चे हैं, वह चुनाव लड़ सकते हैं। इस मामले में आज सुप्रीमकोर्ट में सुनवाई होनी है। इसे देखते हुए सरकार से लेकर दो से अधिक बच्चों वाले उम्मीदवारों की नजरें सुप्रीम कोर्ट पर टिक गई हैं।