साल 2019 की शुरुआत में जहाँ पूरा देश और दुनियां नए साल का जश्न मना रहे हैं वहीँ लगातार दूसरी बुरी खबर यहाँ उत्तराखंड के लोगों को सुनने को मिल रही है क्यूंकि अभी कल ही खबर आयी थी कि पहाड़ के लाल गोपाल सिंह माहरा आतंकियों से लोहा लेते हुए देश के लिए शहीद हो गए हैं। वहीँ एक और दुखभरी खबर सुनने को मिल रही है क्यूंकि कुमाऊं रेजीमेंट के लांस नायक राजेंद्र भंडारी हम सबको छोड़कर दुनियां को अलविदा कह गए हैं। बात है बीती रोज 2 दिसम्बर की जहाँ बुधवार को मेघालय में ड्यूटी के दौरान उनका निधन हो गया है।
लांस नायक राजेंद्र भंडारी अपने पीछे पत्नी के अलावा 11 माह की बेटी को बिलखता छोड़ कर चले गए। 12 कुमाऊं रेजीमेंट में लांस नायक भंडारी इन दिनों मेघालय में तैनात थे। बीती रोज सुबह साढ़े दस बजे के करीब भंडारी के मौत की खबर सामने आते ही पूरे परिवार में मातम छा गया है। जैसे ही पति के शहीद होने की खबर पत्नी को मिली वो इस घटना पर भरोसा नहीं कर पायी जोर-जोर से बिलख कर रोने लगी। शहीद राजेंद्र भंडारी की पत्नी लक्ष्मी दून अस्पताल में नर्स है। जबसे उनकी बेटी हुई है तबसे वो मातृत्व अवकाश पर हैं। और अब सूचना मिली है कि शहीद का शव जॉलीग्रांट एअरपोर्ट पर आज बृहस्पतिवार को पहुँच जाएगा जहाँ से उनका पार्थिव शरीर देहरादून स्थित उनके आवास पर लाया जाएगा।
शहीद राजेंद्र भंडारी का परिवार मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के धनिया कोट पालहेड़ी का रहने वाला है और उनकी पत्नी लक्ष्मी अपनी ग्यारह माह की बेटी के साथ देहरादून में ही रहतीं थीं। शहीद भंडारी के ससुर हुकुम सिंह का कहना है कि सुबह सवा छह बजे के करीब ही बेटी लक्ष्मी की दामाद से आखिरी बार बात हुई थी। उस समय दामाद पीटी परेड से वापस आए थे और उस समय तक वह पूरी तरह से स्वस्थ थे। उसके बाद करीब एक घंटे बाद फिर लक्ष्मी ने वीडियोकॉल की थी पर उधर से कोई जवाब नहीं मिला। सुबह साढ़े दस बजे के करीब आर्मी की तरफ से फोन पर दामाद भंडारी की हार्ट अटैक से निधन होने की जानकारी दी गई।