उत्तराखंड का एक युवक पिछले कुछ समय से विदेश में फंसा हुआ है और उसे वहां से वापस भारत आने का कोई रास्ता नहीं मिल रहा है जिस कारण वो लगातार वहां प्रताड़ित हो रहा है। ये पूरी कहानी है टिहरी जिले के गैरी राजपूतों के रहने वाले भगवान सिंह की जो तरकीबन पिछले 1 साल से फिलीपींस की राजधानी मनीला में फंसे हुए हैं बात है फरवरी 2018 की जब जालंधर के एक होटल मालिक ने प्रतापनगर के गैरी राजपूतों के रहने वाले भगवान सिंह (24) पुत्र स्व. धर्म सिंह को फिलिपींस के मनीला (पैसेसिटी) का टूरिस्ट वीजा दिलाकर भेजा था।
फिलिपींस में पहुँचने के बाद से भगवान सिंह को होटल मालिक के घर में बंदी बनाकर रखा गया है। इस दौरान पीड़ित युवक के साथ लागातार बुरा बर्ताव किया जा रहा है और पिछले 11 माह से वह हर दिन मानसिक प्रताड़ना झेल रहा है। यही नहीं भगवान सिंह को उसके घर तक बात नहीं करने दी जा रही है, जिसके चलते युवक के परिजन मानसिक तनाव में हैं। यही कारण है कि बेटे के साथ हो रहे अमानवीय बर्ताव के चलते उसकी माता सुशीला देवी का बीते 28 दिसंबर को हृदयगति रुकने से निधन हो गया है। भगवान सिंह की माँ का क्रियाकर्म भी पूरे गांववालों ने मिलकर किया। अब घर में केवल एक बालिका है, जिसकी रेखदेख करने वाला भी वहां कोई नहीं है।
इसी सम्बन्ध में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच ने जिलाधिकारी टिहरी श्रीमती सोनिका को ज्ञापन देकर भगवान सिंह को स्वदेश लाने की मांग की है। उन्होंने जिला प्रशासन, राज्य और केंद्र सरकार से भी फिलिपींस में फंसे पहाड़ के बेटे को स्वदेश लाने की मांग की है। अब सभी उत्तराखंड वासियों को उम्मीद है कि ये खबर जल्द ही सुषमा स्वराज तक भी पहुंचेगी और जिस तरह से उन्होंने विदेश में फंसे अन्य भारतीयों को वहां से वापस भारत में लाने में सफलता पायी है उसी तरह पहाड़ का ये युवा भी जल्द वापस अपने देश लौट आएगा।