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रुद्रप्रयाग: हेलिकॉप्टर उतरने के लिए नहीं था हेलिपैड, महिलाओं ने मिट्टी खोदकर कुछ घंटों में बनाया, 40 से ज्यादा लोगों का हुआ अब तक रेस्क्यू

उत्तराखंड में बीते 3 दिनों से बारिश का कहर जारी है। प्रदेश में इस दौरान बारिश से लैंडस्लाइड और बादल से जुड़ी घटनाओं में कई लोगों की मौत हो गई। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में यहां तेज बारिश का अलर्ट जारी किया है। रुद्रप्रयाग के मध्यमहेश्वर धाम में मंगलवार को दर्शन करने आए श्रद्वालु फंस गए थे। दरअसल, मध्यमहेश्वर धाम और हाइवे के बीच एक पुल था जो बारिश की वजह से ढह गया, जिससे संपर्क टूट गया।

प्रशासन ने हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, लेकिन धाम में लैंडिंग की जगह नहींं थी। तब गांव की स्थानीय महिलाएं आगे आईं और उन्होंने कुछ घंटों में हेलिपैड तैयार कर दिया। तब जाकर फंसे लोगों को रेस्क्यू किया गया है। मदमहेश्वर धाम से तकरीबन 6-7 किलोमीटर नीचे नानू नामक स्थान पर स्थानीय लोगों व महिलाओं की मदद से वैकल्पिक व अस्थाई हेलीपैड तैयार किया गया है। यहाँ तक लोग पैदल पहुंच रहे हैं। इन लोगों को हेलीकॉप्टर द्वारा रांसी गांव तक छोड़ा जा रहा है, जहां से वापसी का सफर सड़क मार्ग से किया जा रहा है।

अस्थाई हेलीपैड पर थाना गुप्तकाशी का पुलिस बल मौजूद है। लोगों के लिए जवान देवदूत बनकर आए हैं। अब इन लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है।रुद्रप्रयाग पुलिस ने ट्वीट करके लिखा कि हेलीकॉप्टर की मदद से मद्महेश्वर घाटी में फंसे लोगों को बचाने का अभियान शुरू हो गया है। नानू में एक अस्थायी और वैकल्पिक हेलीपैड स्थापित किया गया है, जहां लोग पैदल पहुंच रहे हैं। उन्हें रांसी गांव पहुंचाया जा रहा है, जहां से वे पैदल आगे बढ़ रहे हैं।


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