इन दिनों जहाँ एक ओर देवभूमि में सर्दियों का मौसम धीरे-धीरे बढता जा रहा है वहीँ दूसरी और निकाय चुनावों के कारण सियासी तापमान हरदिन बढ़ता जा रहा है, क्यूंकि इन चुनावों में भाजपा और कांग्रेस के साथ-साथ अनेक अन्य दलों जैसे आम आदमी पार्टी, बसपा और सपा की की साख भी दांव पर लगी हुई है। इस बार देहरादून में होने वाला मेयर पद का चुनाव खासा दिलचस्प होने वाला है क्यूंकि इस बार इस पद पर कांटे की टक्कर होने वाली है, जहाँ भाजपा से सुनील उनियाल गामा दावेदार हैं तो वहीँ कांग्रेस से पूर्व विधायक और मंत्री दिनेश अग्रवाल चुनाव लड़ रहे हैं और आम आदमी पार्टी की तरफ से भी रजनी रावत को प्रत्याशी बनाया गया है।
इन दिनों सभी प्रयाशी अपने-अपने नामांकन में व्यस्त हैं और इसी कड़ी में निकाय चुनाव में आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार रजनी रावत ने अपना नामांकन कर दिया है और उनका नामांकन इसलिए सुर्ख़ियों में आ गया है क्यूंकि उन्होंने बतौर महिला अपना नामांकन भरा है। जो फॉर्म रजनी रावत ने भरा उसमें ‘थर्ड जेंडर’ विकल्प ही नहीं था जिस कारण उन्हें महिला विकल्प चुनकर नामाकंन दाखिल करना पड़ा। 2014 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद चुनाव आयोग ने नामांकन भरने वाले फॉर्म में थर्ड जेंडर के ऑप्शन की भी शुरुआत की थी। लेकिन रजनी रावत ने महिला विकल्प चुनकर नामांकन दाखिल किया है। राज्य निर्वाचन आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट ने बताया कि जो फॉर्म यहाँ मौजूद थे वो सारे पुराने थे जिसकी वजह से उनमें थर्ड जेंडर विकल्प नहीं था। भट्ट ने आगे कहा कि जल्द ही थर्ड ऑप्शन वाले फॉर्म लाए जाएंगे।
मेयर के लिए देहरादून आम आदमी पार्टी (आप) प्रत्याशी रजनी रावत करोड़पति हैं इससे पहले भी वो दो बार अपनी किस्मत आजमा चुकी हैं, उन्होंने पहली बार 2008 में चुनाव लड़ा थ और वो तब कांग्रेस के प्रत्याशी को पीछे छोड़कर दूसरे स्थान पर रहीं थी। इसके बाद उन्होंने साल 2013 में फिर से मेयर पड़ के लिए बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था और तब उन्होंने कुल 46 हजार मत हासिल किए थे। अब इसबार सभी को ये उम्मीद है कि इस बार का मेयर चुनाव का मुकाबला इन तीनों प्रत्याशियों के बीच काफी जोरदार होने वाला है।