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उत्तराखंड: पैरो से बिकलांक फिर भी तीन किमी रेंगते हुए वोट देने पहुंची पार्वती देवी

 

देश के लोकतंत्र के प्रति सच्ची आस्था व सरकारी मशीनरी की तैयारियों की हकीकत देखनी है तो पाटी ब्लॉक की धरसो निवासी दिव्यांग पार्वती को देखिए। जो अपने हिम्मत और जुनून के जरिए तीन किमी रेंगते हुए बूथ पर वोट देने पहुंची और प्रशासन की नाकामी का आइना भी दिखाया।

पाटी ब्लॉक निवासी 60 वर्षीय पार्वती देवी पत्‍‌नी स्व. भगदेव जोशी के एक बेटी व एक बेटा है। दोनों की शादी कर दी है। उनके पैर बेकार है और वह एक हजार रुपये दिव्यांग पेंशन ले रही है, मगर देश के इस लोकतंत्र पर उन्हें भरोसा है कि उनके लिए कभी न कभी कुछ अच्छा होगा। आज उसी लोकतंत्र के महापर्व की जब बारी आई तो वह पीछे नहीं हटी और अन्य लोगों की तरह इस लोकतंत्र में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए पैदल घुटने व हाथ से घसीटते हुए तीन किमी दूर स्थित परेवा बूथ पर अपना वोट डालने पहुंची। जिसे देख हर कोई आचंभित हो गया। उन्होंने भी मतदान केंद्र पर लगे कर्मचारियों को डोली की व्यवस्था न होने पर नाराजगी जताते हुए अपनी समस्या भी बताई। उन्होंने कहा कि पूर्व चुनाव में भी डोली की व्यवस्था के लिए प्रशासन को लिखा था। जबकि चुनाव से पूर्व भी प्रशासन ने दिव्यांग मतदाताओं को डोली मुहैया कराई लेकिन इस बार भी पार्वती के बाद डोली नहीं पहुंच पाई। बहरहाल लोकतंत्र के महापर्व में वोट पर बात कर वोट न देने वालों के लिए पार्वती ने मिसाल कायम की है। और उनका यह हौसला लोकतंत्र को और मजबूत बनाता है। पार्वती ने कहा कि वोट देने के बाद ही तो हम अपने हक की बात कर सकते हैं। यह हक भी तो हमें इस लोकतंत्र से ही मिला है। इसका विरोध नहीं करना चाहिए। जो भी जीतेगा मैं उससे क्षेत्र के विकास के साथ पलायन रोकने की बात कहूंगी।


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