दून की बेटी संगीता मल्ल पर देश और प्रदेश को नाज है। पति की शहादत के बाद उन्होंने जो राह चुनी उसमें सफल हुई हैं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के ठीक एक दिन बाद दून की यह बेटी ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (ओटीए) चेन्नई से सैन्य प्रशिक्षण पूरा कर बतौर लेफ्टिनेंट सेना में अफसर बन गई हैं।
पासिंग आउट परेड में देश-विदेश के 172 जेंटलमैन कैडेट पास आउट हुए। उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग ले. जनरल रणबीर सिंह ने बतौर रिव्यूइंग आफिसर पीओपी में शिरकत कर परेड की सलामी ली। ओटीए से पास आउट होकर सैन्य अफसर बनी संगीता मल्ल देहरादून के चंद्रबनी की रहने वाली हैं।
उनके पति शिशिर मल्ल भी सेना के जवान थे और दो सितंबर 2015 को जम्मू-कश्मीर के बारामूला सेक्टर में ऑपरेशन रक्षक के दौरान शहीद हो गए थे। उस दौरान वह राष्ट्रीय राइफल में तैनात थे। गोरखा राइफल के जवान राइफलमैन शहीद शिशिर मल्ल को मरणोपरांत सेना मेडल से अलंकृत किया गया। पति की शहादत के बाद संगीता ने हौसला नहीं खोया, बल्कि खुद को बतौर सैन्य अफसर देश सेवा को समर्पित करने का फैसला लिया।
संगीता और शिशिर दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे। वे स्कूल से ही एक दूसरे को पसंद करने लगे थे। दोनों की बॉन्डिंग अच्छी थी, इस कारण दोनों की अच्छी बनती थी। फिर दोनों ने कॉलेज भी एक साथ किया।
इसके बाद संगीता और शिशर ने करियर पर ध्यान दिया, लेकिन फिर भी साथ रहे। कुछ समय बाद संगीता टीचर बन गईं और शिशिर सेना में भर्ती हो गए। आखिरकार 2013 में दोनों ने शादी कर ली।
उनकी जिंदगी में सब ठीक चल रहा था, लेकिन 2015 में ससुर और पति की मौत के बाद सब बदल गया। दो सितंबर 2015 को खबर आई कि बारामूला सेक्टर में पति शिशिर शहीद हो गए। अप्रैल 2015 में ही शिशिर के पिता का भी देहांत हुआ था। ऐसे में पूरा परिवार टूट गया था।