पिछले 6 दिनों में पूरे भारत के लोगों ने जो दर्द झेला है वैसा दर्द भारत के इतिहास में आजतक महसूस नहीं किया गया है और इसके पीछे जो कारण है वो यह कि इतने कम समय में भारत माता ने अपने 45 लाल खो दिए हैं| इन 45 जवानों में उत्तराखंड से भी 4 वीरों के नाम शामिल हैं जो भारत माता के लिए लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दे गए हैं| इन्हीं शहीद वीरों में से एक वीर थे देहरादून के मेजर विभूति ढौंडियाल पुलवामा में आतंकी मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए मेजर विभूति ढौंडियाल की पत्नी निकिता का साहस जिस किसी ने भी देखा वो उनके जज्बे को सलाम कर रहा है क्यूंकि पहाड़ की वीर नारी शहीद पति को देख गर्व से भर गईं।
अंतिम संस्कार के दौरान पहले उन्होंने अपने शहीद पति का माथा चूमा, बोला आई लव यू…जय हिंद मेरे हीरो। इसके बाद उन्होंने कहा कि सबको पता है कि मैं आपको बहुत प्यार करती हूं, हमेशा आपकी फिक्र रहती थी। आप मुझे मेरी जान से भी प्यारे हो, आप मुझे ही नहीं बल्कि पूरे देश से प्यार करते थे। सबसे प्यार करते थे, आपने देश के लिए अपनी जिंदगी दे दी। उन्होंने कहा कि मैं सभी से निवेदन करती हूं कि वे सहानुभूति न रखें, बल्कि बहुत मजबूत बनें, क्योंकि यह वीर हमारे यहां खड़े किसी भी व्यक्ति की तुलना में बहुत बड़ा है। मेरे लिए बेहद गर्व की बात है कि मैं आपकी पत्नी हूं, मेरा पति वीर है, मेरा ही नहीं बल्कि पूरे देश का हीरो है। आज जा रहे हो लेकिन याद रखना आप मुझसे कभी दूर नहीं हो सकते, हमेशा मेरे साथ रहोगे।
अपनी बातों में उन्होंने आगे कहा कि मैं सबसे प्रार्थना करती हूं कि वह इस वीर की शहादत पर सुहानूभुति न जताएं। इस नौजवान की कुर्बानी, जिम्मेदारी, देश के प्रति अहसास को समझें, यूआर माई हीरो, आई लव यू, जय हिंद। मिस यू विभूति, फिर मिलेंगे, ऐसी दुनिया में जहां आतंक का साया न हो। आपको बता दें कि दस महीने पहले निकिता की मेजर विभूति से शादी हुई थी। घर की दीवारों पर उनके हल्दी के हाथों के निशान लगाए गए थे, इनका रंग अभी फीका नहीं पड़ा है। आज उसी घर के आंगन से मेजर विभूति तिरंगे में लिपटकर अंतिम यात्रा पर जा रहे थे। निकिता का यह वीर रूप देखकर आसपास खड़े लोगों की आंखों में आंसू आ गए। मंगलवार को घर से अंतिम यात्रा शुरू हुई तो हजारों की संख्या में लोग भारत माता की जय के नारे लगाते हुए मीलों तक साथ चले।