Home उत्तराखंड डीएम मंगेश घिल्डियाल की एक और शानदार पहल, अब स्थानीय फूलों से...

डीएम मंगेश घिल्डियाल की एक और शानदार पहल, अब स्थानीय फूलों से ही सजेगा केदारनाथ मंदिर

रुद्रप्रयाग जिले के जिलाधिकारी 34 वर्षीय मंगेश घिल्डियाल स्थानीय जनता के साथ-साथ पूरे उत्तराखंड में भी सबसे लोकप्रिय जनसेवक हैं। मंगेश घिल्डियाल को हर उस जगह सक्रिय देखा जा सकता है, जहां लोगों की उम्मीद होती है कि यहाँ प्रशासन आगे आकर कोई काम करे। उन्हें शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूलों में पढ़ाते हुए भी देखा जा सकता है और पोषणाहार की गुणवत्ता जांचने के लिए बच्चों संग जमीन पर बैठ भोजन करते हुए भी देखा जा सकता है। आम लोगों की रोजमर्रा की कोई भी परेशानी अगर उनके सामने आये तो वो उसे दूर करने का हरसंभव प्रयास करते हैं और इस काम में जरूरत पड़ने पर धर्मपत्नी ऊषा भी जनसेवा के कार्यों में पीछे नहीं रहतीं हैं।

जब बात केदारनाथ धाम के विकास की हो तो वो कोई भी काम अधूरा नहीं छोड़ना चाहते हैं और किस तरह से केदारपुरी में चहमुखी विकास हो और किस तरह स्थानीय लोगों को इसका अधिक से अधिक फायदा हो वो इन्हीं प्रयासों में लगे रहते हैं। यही कारण है जब पिछले साल यात्रा सीजन शुरू हुआ था तो इनकी पहल पर ही स्थानीय प्रसाद योजना शुरू की गयी थी। इस योजना से रुद्रप्रयाग जिले की 2000 से अधिक महिलाओं को स्वरोजगार मिला था क्यूंकि पिछले यात्रा सीजन में जो स्थानीय प्रसाद वितरण किया जा रहा था उसकी कीमत लगभग 1 करोड़ तक थी। अब इसी कड़ी में डीएम मंगेश घिल्डियाल ने एक और शानदार पहल को शुरू करने का बीड़ा उठाया है।

इस बार जब मई के प्रथम सप्ताह में केदारनाथ के कपाट आम श्रधालुओं के लिए खोले जायेंगे तो केदारनाथ मंदिर में बाहर से मंगाकर जिन फूलों से सजावट की जाती थी वो वो सजावट अब घाटी के लोगों द्वारा उत्पादित फूलों से ही की जायेगी। और इसके अलावा केदारनाथ में पूरे सीजन को दौरान जो फूल चढ़ाये जाते हैं वो भी स्थानीय लोगों द्वारा ही उत्पादित होंगे| केदारघाटी के लोगों के लिए यात्रा सीजन ही कमाई का एकमात्र जरिया है और और इसी से सीजन से ही वो अपना जीवन बसर करते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए ये निर्णय लिया गया है कि मंदिर की सजावट अब स्थानीय फूलों के द्वारा ही की जायेगी।

इस काम से स्थानीय लोगों को सीधा लाभ होगा और देश-विदेश से आने वाले यात्री भी यहाँ की संस्कृति से परिचित हो सकेंगे| अब तक मंदिर की सजावट में जो फूल प्रयोग होते थे वो 15 क्विंटल तक दिल्ली और अन्य जगहों से मंगाए जाते थे और इस काम में लगभग 2 लाख रुपये तक का खर्चा होता था। स्थानीय फूलों से सजावट करने पर खर्चा कम होने के साथ ही स्थानीय लोगों को लाभ भी मिल सकेगा। इस पूरी बात पर डीएम मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि केदारनाथ मंदिर को सजाने के लिए सोनप्रयाग और केदारनाथ में फूलों की मंडी लगाई जायेगी। केदारनाथ में पहली बार बसने वाले हाट बाजार में 50 नयी दुकानों का निर्माण भी कर दिया गया है जो स्थानीय व्यापारियों को ही आवंटित की जायेंगी, जहाँ पर फूलों के साथ ही पहाड़ी उत्पादों की भी बिक्री की जायेगी।


LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here