नैनीताल हाईकोर्ट ने गंगा नदी में होने वाले जल खेलों जैसे रिवर राफ्टिंग, कयाकिंग आदि पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने इन खेलों के लिए सरकार को 2 हफ्ते मे उचित नियम और नीति बनाने के निर्देश दिए है। तब तक सभी जल खेलों और पैराग्लाइडिंग पर उत्तराखंड मे रोक लगा दी है।
जानकारी के लिए बता दें, ऋषिकेश के हरिओम कश्यप ने हाईकोर्ट मे जनहित याचिका दायर की थी और कहा था की सरकार ने भगवती काला व वीरेंद्र सिंह गुसाईं को 2014 मे कुछ शर्तों के साथ राफ्टिंग कैंप लगाने का लाइसेंस दिया था। लेकिन इन्होने शर्तों का उल्लंघन करते हुए गंगा नदी के किनारे राफ्टिंग के नाम पर कैंप लगा दिए जिससे उसके बाद गंगा नदी के किनारे मांस मदिरा का सेवन, तेज आवाज मे DJ बजाना शुरू हो गया। कैम्प का गन्दा पानी और कूड़ा नदी मे डालकर गंगा को प्रदूषित किया जा रहा है। हरिओम कश्यप ने नदी की किनारे की फोटोग्राफ भी कोर्ट के समक्ष रखी।
वरिष्ठ न्यायमूर्ति राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ के समक्ष हुई मामले की सुनवाई के बाद, कोर्ट ने प्रदेश सरकार को आदेश दिए हैं कि वे खेल गतिविधियों के नाम पर अय्याशी करने की स्वीकृति नहीं दे सकती और न ही नदी के किनारे रीजनेबल फीस चार्ज किए बिना लाइसेंस जारी कर सकती । कोर्ट ने कहा है की पैराग्लाइडिंग,राफ्टिंग कैम्प, रिवर राफ्टिंग और अन्य जल खेलों के लिए जब तक सख्त नियम और कानून न बन जाये तब तक इन गतिविधियों की अनुमति नहीं दी जाये।