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हाकम की गिरफ्तारी से सफेदपोशों में हड़कंप… खजाना देख दंग रह गईं एसटीएफ भी

अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पर लगातार उंगलियां उठ रही हैं और पेपर लीक मामले से आयोग सुर्खियों में बना हुआ है. UKSSSC पेपर लीक मामले में अन्य लोगों के नाम भी संदेह के घेरे में हैं, जिसकी पड़ताल जारी है। इसी बीच बीते दिन पेपर लीक मामले (UKSSSC Paper leak case) की कड़ियां जोड़ते हुए एसटीएफ ने उत्तरकाशी के जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह को गिरफ्तार कर लिया। हाकम सिंह की गिरफ्तारी के बाद भाजपा ने उसे पार्टी से भी कर दिया है। पेपर लीक के मामले में आरोपित जिला पंचायत सदस्य नेता हाकम सिंह रावत अकूत संपत्ति का मालिक है। रावत के भाजपा से छह वर्ष के लिए निष्कासन के बाद मोरी क्षेत्र सहित उससे जुड़े व्यक्तियों व कुछ पंचायत प्रतिनिधियों में हड़कंप मचा हुआ है।

मोरी के लिवाड़ी गांव निवासी हाकम सिंह रावत की राज्य के विभिन्न जनपदों में काफी संपत्ति है। दरअसल वर्ष 2002 में हाकम सिंह रावत उत्तरकाशी में तैनात एक-एक वरिष्ठ नौकरशाह के संपर्क में आए थे, जिसके बाद उनके जरिये खनन सहित कई व्यवसाय से भी जुड़े। होटल, होम स्टे और सेब के बागीचे सहित कई बड़ी संपत्ति हाकम सिंह रावत के पास हैं। मोरी और पुरोला क्षेत्र में हाकम सिंह रावत का नाम सरकारी नौकरी लगाने की गारंटी के रूप में लिया जाता है। हाकम सिंह रावत ने जौनसारी गीतों की एलबम में नृत्य किया है, जो इन दिनों इंटरनेट मीडिया पर कटाक्ष के साथ वायरल हो रहे हैं।

भाजपा के कई नेताओं और एक पूर्व मुख्यमंत्री से उसकी गहरी निकटता है। इंटरनेट मीडिया में उसकी फोटो पूर्व मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों और कलाकारों के साथ है। इनमें से कुछ मौजूदा समय में अहम पदों पर भी हैं। राज्य बनने के बाद से ही हाकम ने सत्ता के गलियारों में अपनी पैठ बना ली थी। कुछ सालों से वह नकल माफिया के नाम से जाने जाना लगा। आरोपित ने उत्तराखंड में ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश में भी अपनी पैठ बनाई। परीक्षा यूकेएसएसएससी (UKSSSC Exam) की ओर से करवाई जाती थी, लेकिन परीक्षा पर पूरा नियंत्रण हाकम के पास रहता था।


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