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उत्तराखंड में अधूरी रह गई मनोहर पर्रीकर की यह दिली इच्छा, शहीद जवानों के लिए करना चाहते थे ये काम

गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकर का रविवार यानी 17 मार्च को शाम 8 बजे को निधन हो गया। मनोहर पर्रीकर पैंक्रियाटिक कैंसर से पिछले एक साल से जूझ रहे थे 63 वर्षीय मुख्यमंत्री ने रविवार शाम को अंतिम सांस ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने पर्रीकर के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। केंद्र सरकार ने 18 मार्च को एक दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। उनका अंतिम संस्कार आज शाम 5 बजे किया जाएगा। पर्रीकर के निधन से पूरे देश में शोक की लहर है। वो अपनी सादगी और काम के लिए हर किसी के प्रेरणास्रोत थे।

पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर के निधन के साथ ही उत्तराखंड से किया उनका वादा और उनकी एक इच्छा भी अधूरी रह गई है। परिकर ने उत्तराखंड में बतौर रक्षा मंत्री शौर्य स्थल का शिलान्यास किया था। तब उन्होंने उद्घाटन कार्यक्रम में भी आने का वादा किया था। लेकिन उनके चिरनिंद्रा में लीन होने के साथ ही यह वादा अब कभी पूरा नहीं हो सकेगा। देहरादून के चीड़बाग में बन रहे शौर्य स्थल की शुरूआत का श्रेय भी मनोहर पर्रीकर को ही जाता है। उनके प्रयासों से ही शौर्य स्थल का निर्माण कार्य शुरू हो पाया था। शौर्य स्थल के अध्यक्ष व पूर्व राज्यसभा सांसद तरुण विजय के अनुसार परिकर के प्रयासों के बिना इसका निर्माण बिल्कुल संभव नहीं था। उन्होंने शौर्य स्थल के निर्माण में रक्षा मंत्रालय और केंद्र सरकार के स्तर से आ रही बाधाओं को दूर करने का प्रयास किया था।

20 अप्रैल 2016 को मनोहर पर्रीकर ने एक भव्य कार्यक्रम में चीड़बाग स्थित शौर्य स्थल का शिलान्यास किया था। उन्होंने उस वक्त कहा था कि ‘प्रदेश के पूर्व सैनिक संगठन पिछले 36 वर्षों से शौर्य स्थल के निर्माण की मांग कर रहे थे। बतौर रक्षा मंत्री मुझे उस मांग को पूरा करने का अवसर मिला है। आज मैं वार मेमोरियल का शिलान्यास करते हुए खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं और आपसे वादा करता हूं कि बहुत जल्द इसके उद्घाटन के लिए भी आऊंगा’।  अब शौर्य स्थल का जल्द निर्माण ही मनोहर पर्रीकर को हमारी ओर से सच्ची श्रद्धांजलि होगी।


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