जम्मू-कश्मीर के उड़ी में सोमवार को पाकिस्तान की तरफ से की गई गोलीबारी में पंजाब के मोगा जिले का एक फौजी शहीद हो गया। परिजन बताते हैं कि 16 मार्च को फौजी बेटे कर्मजीत को छट्टी आना था, लेकिन सीमा पर तनाव के चलते 20 मार्च तक छुट्टी रद्द करके पोस्ट पर भेज दिया गया। इसी बीच सोमवार को उनकी शहादत की खबर आई है। उसके पिता व अन्य रिश्तेदार भी सेना से रिटायर बताए जा रहे हैं।मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को जम्मू-कश्मीर के सुंदरबानी सेक्टर में पाकिस्तान की तरफ से सीज फायर का उल्लंघन करते हुए गोलाबारी की गई है। भारतीय सेना ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया, मगर इस दौरान कर्मजीत शहीद हो गए, वहीं 3 अन्य घायल बताए जा रहे हैं। जैसे ही शहादत की खबर शहीद के गांव पहुंची, शोक की लहर दौड़ गई।
बताया जाता है कि मोगा जिले के गांव जनेर निवासी कर्मजीत सिंह ने सिपाही के पद पर 2015 में आर्मी ज्वाइन की थी। उनके पिता अवतार सिंह के अलावा ताऊ और फूफा भी सेना से सेवानिवृत्त हैं। दो भाइयों और एक बहन में सबसे छोटे कर्मजीत सिंह (25) इन दिनों जम्मू-कश्मीर के उड़ी में 18 लेफ्टीनेंट बटालियन में बतौर राइफलमैन तैनात थे। पिता अवतार सिंह व रिटायर्ड सूबेदार ताऊ दरबारा सिंह ने बताया कि कर्मजीत सिंह को होली पर उसे घर आना था। इसके लिए 16 मार्च की छुट्टी मंजूर हो गई थी, लेकिन सीमा पर तनाव के हालातों को देखते हुए छुट्टी रद्द कर दी गई थी।
शहीद के पिता अवतार सिंह ने बताया कि जनेर का एक अन्य जवान गुरतेज पाल सिंह भी कर्मजीत सिंह के साथ ही राजौरी सेक्टर में तैनात है, उसी ने सोमवार सुबह लगभग साढ़े दस बजे शहीद के पिता अवतार सिंह को फोन के माध्यम से कर्मजीत सिंह की शहीद होने की सूचना दी थी। बाद में जब सूचना ग्रामीणों को पता चली तो लोग उनके घर पर एकत्रित होना शुरू हो गए। हालांकि शहीद की मां कुलवंत कौर को बेटे के शहीद होने की जानकारी अभी परिजनों ने नहीं दी है। घर में एकत्र लोगों से जब मां ने पूछा तो किसी ने कुछ नहीं बताया। इसके बाद मां बेहोश हो गई।