हमारे पहाड़ की सभी चीज़ें अनोखी हैं चाहे वो भोजन हो, पानी हो या पर्यावरण। यहाँ के पशुओं की प्रजातियां भी भिन्न-भिन्न हैं। पहाड़ी पशुओं में सबसे लोकप्रिय पशु है “भोटिया कुत्ता”। यह नाम सुनते ही हर कोई अपने मन में एक भारी-भरकम, बड़े जबड़े वाला, आक्रमक, भीमकाय शरीर वाले कुत्ते चित्रण कर लेता है। भोटिया कुत्ता अपनी वफादारी के लिए पहाड़ों में काफी प्रचलित है। उसका भीमकाय शरीर देख कर पहाड़ों के जंगली जानवर जैसे बाघ, तेंदुए, गुलदार आदि एक बार को पीछे हट जाते हैं।
यह भी पढ़ें: रुद्रप्रयाग की दादी दर्शनी देवी को पूरे भारत का सलाम, पीएम केयर में दान किये 2 लाख रूपये
आमतौर पर यह घुमन्तु भेड़ – बकरियों को पालने वाले लोगों के पास रहता है। मौका पड़ने पर अपने मालिक तथा मवेशियों की सुरक्षा के लिए वह बड़े से बड़े जंगली जानवर से भिड़ जाता है। बदलते परिवेश में अब भोटिया पहाड़ी इलाकों से नीचे तराई के क्षेत्रों में भी पाया जाने लगा है। आम-तौर पर अब लोग इन्हें घर की सुरक्षा के लिए पालते हैं। यह आक्रामक जंगली जानवरों के लिए है जितना पैना और सतर्क है उतना ही अपने परिवार मालिक की सुरक्षा के लिए भी है। इनका अधिक – से – अधिक भोजन करने की क्षमता ही इन्हें ताकतवर बनती है। दूसरे कुत्तों की प्रजातियों से परे भोटिया प्रजाति सबसे समझदार, आज्ञाकारी तथा चालक होता है।
यह भी पढ़ें:जय हिन्द सर! पिता ने कहा कि अनुज ने मेरा सिर फख्र से ऊंचा कर दिया, बेटा तुझे सलाम
भोटिया अपने मालिक के ऊपर विपत्ति के समय अजनबियों के साथ क्रूर हो जाता है। हालांकि भोटिया बच्चों के प्रति काफी स्नेह रखता है। वे अपने मालिकों के प्रति वफादार होते हैं। सतर्क और प्रादेशिक होने के साथ-साथ, वे अपने मालिकों के प्रति सौम्य भी हैं, जिससे उन्हें उपयुक्त पारिवारिक पालतू बनाया जाता है। आप किसी भी भोटिया नस्ल के कुत्तों को भेड़ों के आस-पास छोड़ दीजिए। वो खुद ही ऐसा त्रिकोणीय सुरक्षा चक्र बनाते हैं कि परिंदा भी भेड़ों पर पर नहीं मार सकता। किसी भी प्रकार के खतरे के दौरान ये बिना किसी पूर्व चेतावनी के हमला कर देते हैं।