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पैतृक गांव पहुंचा आतंकी मुठभेड़ में शहीद हुए गोपाल का पार्थिव शरीर, बेसुध हुई माँ, रो पड़ा पूरा गाँव

पिथौरागढ़: मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले गोपाल सिंह माहरा का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंच गया है. बेटे को तिरंगे में लिपटा देख मां बेसुध हो गई और ग्रामीणों के आंखों से झर-झर आंसू बहने लगे. आज शहीद की अंतयेष्टि रामेश्वर घाट में की जाएगी. पंचतत्व में विलीन होने से पहले देश के वीर सपूत के अंतिम दर्शन के लिए शहीद के घर हुजूम उमड़ पड़ा है.गोपाल सिंह नागालैंड बीते बुधवार को नागालैंड में हुए आतंकी हमले में शहीद हो गए थे. एक साल बाद उनका रिटायरमेंट होना था. लेकिन उससे पहले ही वो 29 साल देश की सेवा करने के बाद अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़ वीर गति को प्राप्त हो गये. शहीद के परिवार में पत्नी बसंती देवी, 17 वर्षीय पुत्र सौरभ और 14 वर्षीय पुत्री हिमानी है. उनका बेटा दिनेशपुर के पॉलिटेक्निक कॉलेज में अध्ययनरत है. जबकि बेटी हिमानी सरस्वती शिशु मंदिर में नौवीं में पढ़ती है. गंगोलीहाट दशाईथल जजौली निवासी शहीद 24 असम राइफल में तैनात थे. साल 1987 में शहीद गोपाल सिंह असम राइफल का हिस्सा बने थे.

शहीद गोपाल सिंह माहरा सैन्य पृष्ठभूमि वाले परिवार से हैं. चार भाइयों में दूसरे नंबर के गोपाल सिंह के बड़े भाई निर्मल माहरा असम राइफल में सूबेदार के पद पर तैनात हैं. जबकि, तीसरे नंबर के भाई ठाकुर सिंह भारतीय सेना में हैं, जो इस समय पुंछ जम्मू-कश्मीर में तैनात हैं. उनके पिता स्व. त्रिलोक सिंह भी असम राइफल में सेवा दे चुके हैं. करीब पांच साल पहले ही उनका निधन हुआ था.


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