इन दिनों उत्तराखंड में जहाँ एक और ठण्ड की शुरुआत हो रही है वहीँ दूसरी ओर सियासत लगातार गर्म होती जा रही है और इसका कारण है उत्तराखंड में आगामी निकाय चुनाव, भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों के अन्दर घमासान मचा हुआ है कोई टिकट न मिलने से पार्टी से इस्तीफा दे रहा है कोई नाराज है तो कोई जमकर विरोध प्रदर्शन करने में लगा हुआ है। इसी कड़ी में कल उत्तराखंड कांग्रेस भवन में जबरदस्त गहमागहमी देखने को मिली है इस दौरान कांग्रेस भवन मर्यादाओं के टूटने का साक्षी भी बना। कांग्रेस के दो गुट ही आपस में भिड़ गए और इस दौरान कई बार नौबत तो हाथापाई तक की आ गयी थी, इस दौरान युवकों की एक टोली ने कांग्रेस भवन में जमकर उत्पात मचाया।
कांग्रेस भवन में जब अनुशासन समिति के अध्यक्ष प्रमोद कुमार सिंह पहुंचे, तो उन्होंने टिकट वितरण को लेकर लगातार विरोध जता रहे कांग्रेस नेता राजेंद्र शाह से हल्के फुल्के मूड में बात की, राजेंद्र शाह ने आरोप दोहराया कि निष्ठावान कार्यकर्ताओं की इस निकाय चुनाव में उपेक्षा हो रही है। पर्वतीय क्षेत्र के दावेदारों की उपेक्षा की जा रही है और बिजनौर के साथ अन्य स्थानों से आने वालों को टिकट दे दिया गया है इस पर प्रमोद कुमार ने विरोध किया। प्रमोद कुमार सिंह के समर्थन में उनके भतीजे और कांग्रेस नेता मानवेंद्र सिंह भी वहां आ पहुंच थे उनकी शाह से थोड़ी बहुत नोक-झोंक भी हो गई। एक समय मामला कुछ देर के लिए शांत भी हो गया था, मगर फिर मानवेंद्र जब एक बार फिर से शाह को तलाशने लगे, तो उनके समर्थन में कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के महानगर अध्यक्ष कमर ताबी सामने आ गए और फिर मानवेंद्र सिंह ने उन्हें एक थप्पड़ मार दिया जिससे वहां पूरा माहौल गरमा गया।
इसके बाद कमर ताबी ने फोन कर के अपने साथ के युवाओं को कांग्रेस भवन बुलाना शुरू कर दिया और ये युवा गाली-गलौज करते हुए कांग्रेस भवन में घुस आए और मानवेंद्र सिंह को ललकारने लगे। इसके बाद मानवेंद्र सिंह भी उनसे भिड़ने के लिए एक बार बाहर आए, लेकिन उन्हें बाकी लोग अंदर कमरे में ले गए। इसके बाद मामला बिगड़ता देखकर कांग्रेस के नेताओं ने अल्पसंख्यक नेताओं को इस प्रकरण में शामिल किया और प्रदेश सचिव आजाद अली और कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष ताहिर अली के साथ लेकर कांग्रेस नेताओं ने दोनों पक्षों के साथ वार्ता की। शाम को सभी पक्षों के साथ बैठक का दौर चला और युवाओं की टोली मानवेंद्र सिंह के स्तर पर माफी मांगने पर कुछ देर के लिए अड़ी, मगर बाद में दोनों पक्ष समझौते के लिए तैयार हो गए और फिर मीडिया की मौजूदगी में मानवेंद्र और कमर ताबी एक दूसरे से गले मिले।