उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को कहा कि अगर भाजपा दोबारा सत्ता में आई तो शपथ ग्रहण के तुरंत बाद एक समिति गठित कर समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करेगी। राज्य में 14 फरवरी को सभी 70 विधानसभा सीटों पर होने वाले मतदान के लिए चुनाव प्रचार के आखिरी दिन यहां यह घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इस मसौदे को तैयार करने के बाद सभी नागरिकों के लिए समान कानून बनेगा चाहे वे किसी भी धर्म में विश्वास करते हों।
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उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी ने शनिवार को खटीमा में एक कांफ्रेंस के दाैरान कहा कि यदि उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार बरकरार रहती है तो शपथ ग्रहण समारोह के तुरंत बाद एक पैनल बनाया जाएगा। यह पैनल राज्य के लिए यूनिफार्म सिविल कोड (यूसीसी) का मसौदा तैयार करेगा। पैनल में हितधारक, न्यायविद, सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्धजीवी व्यक्ति शामिल होंगे। यह यूनिफार्म सिविल कोड सभी लोगों के लिए विवाह, तलाक, भूमि-संपत्ति और विरासत के संबंध में समान कानूनों का प्रावधान करेगा चाहे उनका धर्म कुछ भी हो।
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उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता को जल्द से जल्द लागू करने से राज्य में सभी के लिए समान अधिकारों को बढ़ावा मिलेगा। यह सामाजिक सद्भाव को बढ़ाएगा। इसके साथ ही लैंगिक न्याय को बढ़ावा देगा। इतना ही नहीं महिला सशक्तिकरण को मजबूत करेगा और राज्य की असाधारण सांस्कृतिक-आध्यात्मिक पहचान और पर्यावरण की रक्षा करने में मदद करेगा।
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जानिये क्या है समान नागरिक संहिता
देश में कई मौके पर समान नागरिक संहिता लागू करने का मुद्दा उठता रहा है। समान नागरिक संहिता का मतलब है कि भारत में रहने वाले किसी भी धर्म, जाति और समुदाय के व्यक्ति के लिए एक जैसा कानून होना। ये किसी भी धर्म या जाति के पर्सलन लॉ से ऊपर है।