सड़क सुविधा से वंचित ग्रामीणों की जिदगी दांव पर है। उत्तराखंड के डुंडा प्रखंड में सड़क से दो किमी पैदल दूरी पर स्थित जिनेथ गांव में समय से पूर्व प्रसव होने पर नवजात की मौत हो गई, जबकि प्रसूता की तबीयत बिगड़ने पर ग्रामीणों ने उसे डंडी कंडी के सहारे सड़क तक लाकर अस्पताल पहुंचाया।सड़क के अभाव में आए दिन इस तरह की समस्याओं से दो चार हो रहे ग्रामीणों ने सड़क निर्माण में हो रहे विलंब में रोष जताया। जिनेथ गांव निवासी पुष्पा देवी पत्नी सुशील अवस्थी को शनिवार को प्रसव पीड़ा हुई।
सूचना मिलते ही प्रशासन से गांव के निकट सड़क तक एंबुलेंस भेज दी थी, लेकिन गांव सड़क से दो किमी दुर्गम पैदल दूरी पर स्थित होने के कारण महिला को अस्पताल नहीं लाया जा सका। रात को गांव में ही प्रसव कराने पर नवजात की मौत हो गई और महिला की तबीयत बिगड़ गई। रविवार सुबह ग्रामीणों ने महिला को डंडी कंडी में बैठाकर दुर्गम पैदल रास्ते से सड़क तक पहुंचाया। यहां से उसे जिला अस्पताल लाया गया। चिकित्सकों ने उसकी गंभीर हालत को देखते हुए हायर सेंटर देहरादून रेफर कर दिया।
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