भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिव के परम भक्त हैं और वो जब राजनीति में नहीं थे उस समय अपने केदारनाथ प्रवास के दौरान वो यहाँ से लगभग 2 किमी पहले गरुड़चट्टी में स्थित गुफा में रहते थे और यहीं पर भगवान केदारनाथ की साधना में लीन रहते थे। साल 2013 में जब केदारनाथ में भयंकर बाड़ आयी थी तो मोदी इससे काफी दुखी थे और यहाँ पर पुननिर्माण कार्य कराना चाहते थे पर तत्कालीन केंद्र और राज्य सरकार ने ऐसा नहीं करने दिया पर बहुत जल्द साल 2014 में उनकी ये इच्छा पूरी हो गयी जब वो भारत के प्रधानमंत्री बन गये थे उसके बाद से नयी केदारपुरी का निर्माण उनका ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है और वो हर हाल में इस जगह को एक नया और सुन्दर रूप देना चाहते हैं।
इसी सिलसिले में प्रधानमंत्री चाहते थे कि केदारनाथ में गुफाओं का निर्माण किया जाए इसके लिए उन्होंने राज्य और जिला प्रशासन को निर्देश भी जारी कर दिए थे, और अब इसी कारण जिला प्रशासन ने केदारनाथ में एक गुफा का निर्माण कर दिया है और अभी बाकी 4 गुफाओं का निर्माण किया जाना बाकी है। इस गुफा का निर्माण अप्रैल माह में शुरू किया गया था और लगभग 3 महीने बाद ही यह पूरी तरह से तैयार की जा चुकी है, यह गुफा केदारनाथ मंदिर के बांयी ओर 400 मीटर मंदाकिनी नदी को पार करके चोराबाड़ी ताल के नीचे स्थित पहाड़ी पर बनायी गयी है, गुफा की लम्बाई 5 मीटर और चौड़ाई 3 मीटर रखी गयी है। गुफा का आँगन और छत पूरी तरह से पहाड़ी शैली और पठालों से निर्मित किया गया है और यहाँ रहने के लिए बिजली, पानी और शोचालय सारी सुविधायें विकसित की गयी हैं।
साधन करने के लिए जो भी भक्त यहाँ आना चाहता हो वो इसके लिए ऑनलाइन बुकिंग कर सकता है, एक व्यक्ति अधिकतम 3 दिन के लिए यहाँ रह सकता है, साधन के दौरान गुफा का दरवाजा पूरी तरह से बंद रहेगा और खिड़की के द्वारा ही खाना-पीना और जरुरी सामान भिजवाया जाएगा आपातकालीन स्थिति के लिए यहाँ पर लोकल फोन की सुविधा भी उपलब्ध है। इस अवसर पर रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि गुफा के संचालन की जिम्मेदारी गढ़वाल मंडल विकास निगम को दी गयी है, गुफा में रहने के लिए जल्द शुल्क का निर्धारण भी किया जाएगा, गुफा में रहने वाले व्यक्ति का एक बार गुप्तकाशी में और फिर केदारनाथ में मेडिकल टेस्ट किया जाएगा और अगर व्यक्ति अनफिट पाया गया तो बुकिंग निरस्त की जायेगी।