रिखणीखाल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक महिला ने मृत बच्चे को जन्म दिया। हालत बिगड़ने पर हायर सेंटर ले जाते समय महिला ने भी दम तोड़ दिया है। जच्चा-बच्चा की मौत से गुस्साए परिजनों ने इसे डॉक्टरों की लापरवाही बताया। कहा कि अगर महिला को समय पर रेफर कर दिया जाता तो उसकी जान बच सकती थी। कलवाड़ी निवासी अनिल हेमदानी ने बताया कि उनके साले राजेंद्र ध्यानी की पत्नी स्वाति ध्यानी (23), निवासी ग्राम बयेला तल्ला को प्रसव पीड़ा होने पर बीती 28 जून की रात प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। सोमवार दोपहर बाद करीब तीन बजे बच्चा मरा पैदा हुआ।
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डिलीवरी नॉर्मल थी, लेकिन इसके बाद महिला की हालत बिगड़ने लगी तो डाक्टरों ने उसे हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया। रिखणीखाल से एंबुलेंस के जरिए परिजन महिला को लेकर सोमवार रात करीब साढ़े आठ बजे बेस अस्पताल, कोटद्वार पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के मुताबिक महिला की मौत का कारण अत्यधिक रक्तस्राव है। पुलिस ने पंचनामा भरने और पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। परिजनों ने पुलिस को बताया कि स्वाति की शादी डेढ़ साल पहले हुई थी। पति देहरादून में प्राइवेट नौकरी करता। यह उनका पहला बच्चा था। लॉकडाउन के कारण दोनों रिखणीखाल स्थित अपने गांव बयेला तल्ला आकर रहने लगे थे। परिजनों का आरोप था कि अगर महिला को समय से रेफर कर दिया जाता तो शायद उसकी जान बच जाती।
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