कोरोना संक्रमण और ऊपर से लॉकडाउन के तीसरे चरण में पहुंचने के बाद दो दिन पहले त्रिवेंद्र रावत सरकार ने एक बयान जारी करते हुए कहा था की सरकार केवल उन्हीं लोगों को वापस लाएगी जो राहत शिविरों में फंसे हुए हैं या मध्य मार्ग में कहीं फंसे हुए हैं। जिसके बाद पूरे उत्तराखंड में बहुत आक्रोश दिखा और लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने गुस्से को जाहिर भी किया था।
उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने अब अन्य राज्यों में रह रहे सभी प्रवासियों के लिए राहत पहुंचाने की सबसे बड़ी घोषणा का ऐलान कर दिया है। मुख्य सचिव ने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा जारी की गयी नयी गाइडलाइन के कारण असमंजस पैदा हो गया था लेकिन अब उस दुविधा को दूर कर दिया गया है। जिसके बाद अन्य राज्यों में रह रहे सभी प्रवासी उत्तराखंडियों की घर वापसी होना सुनिश्चित हो गया है। आपको बता दें अब तक देशभर से 1.65 लाख प्रवासी लोग वापस उत्तराखंड आने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं।
केंद्र सरकार की नयी गाइडलाइन आने से पहले उत्तराखंड सरकार चंडीगढ़ और कुछ अन्य राज्यों से प्रवासी लोगों को वापस लाने का ऐलान कर चुकी थी और कुछ लोगों को वहां से वापस भी लाया जा चूका था। उसके बाद जब केंद्र की नयी गाइडलाइन के कारण असमंजस पैदा हुआ तो राज्य सरकार ने कहा कि सिर्फ रास्तों में फंसे लोगों को ही वापस लाया जाएगा। लेकिन अब इस नयी घोषणा के बाद से सभी प्रवासियों के साथ ही देवभूमि में रह रहे उनके घरवालों ने बड़ी राहत की सांस ली है। अब तक सबसे ज्यादा प्रवासी दिल्ली से वापस अपने घर आना चाहते हैं इसके अलावा गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र से भी बड़ी संख्या में प्रवासियों ने वापस उत्तराखंड आने के लिए आवेदन किया है।