डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का नाम ही काफी है, देश की तरक्की और सौहार्द कायम करने के लिए। भारत के परमाणु शक्ति संपन्न होने में डॉ. कलाम का योगदान देश और विश्व कभी भुला नहीं सकेगा। छोटे से परिवार से कठिनाइयों और चुनौतियों को पार कर वैज्ञानिक के तौर पर देश की सेवा की। यहां विश्व की बड़ी शक्तियों को भारत का लोहा मनवाया।
डॉ. कलाम ही थे पोखरण परमाणु बम परीक्षण का मुख्य केंद्र। गरीबी के अंतिम छोर से लेकर देश के सर्वोच्च पद का गौरव बढ़ाने वाले पहले वैज्ञानिक डॉ. अब्दुल कलाम की सादगी को आज भी राष्ट्रपति भवन भुला नहीं सका है और न ही देश भुला पाया है। बालकों के प्रति उनका प्रेम आज भी भुलाया नहीं सका। स्कूल, कॉलेजों में अगर जब भी गए, बच्चों के साथ बच्चे बनकर जिस तरह व्यवहार किया, वे बच्चे भी डॉ. कलाम को आज तक भुला नहीं सके।डॉ. कलाम आज भले ही दुनिया में नहीं रहे, लेकिन उनके काम आज भी देश के कोने-कोने को रोशन कर रहे हैं, देश की शक्ति को बल दे रहे हैं। देश तरक्की की राह पर है तो डॉ. कलाम जैसे व्यक्तित्व की वजह से। आज जरूरत उनके आदर्शों पर चलकर देश को आगे बढ़ाने की है। उनके अनुयायी कहें या उनके छात्र, आज भी उनकी कमी जरूर खलती होगी।
यह कहना संभव है कि डॉ. कलाम ने देश में सौहार्द का वातावरण दिया। आतंक के नाम पर बंटवारे की राजनीति को भी करारा जवाब डॉ. कलाम ही साबित हुए। इस तरह उन्होंने देश के लिए जीवन गुजारा, देश को एक परिवार माना और जीवन के गुर जीवन के अंतिम क्षणों तक युवाओं के साथ शेयर करते रहे और जिस समय उन्होंने अंतिम सांस ली वह भी उन छात्रों के बीच जिन्हें वह अपने ज्ञान के कुछ अंश देना चाहते थे।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के 10 प्रसिद्ध कथन
- सपने सच हों इसके लिए सपने देखना जरूरी है.
- छात्रों को प्रश्न जरूर पूछना चाहिए. यह छात्र का सर्वोत्तम गुण है.
- युवाओं के लिए कलाम का विशेष संदेशः अलग ढंग से सोचने का साहस करो, आविष्कार का साहस करो, अज्ञात पथ पर चलने का साहस करो, असंभव को खोजने का साहस करो और समस्याओं को जीतो और सफल बनो. ये वो महान गुण हैं जिनकी दिशा में तुम अवश्य काम करो.
- अगर एक देश को भ्रष्टाचार मुक्त होना है तो मैं यह महसूस करता हूं कि हमारे समाज में तीन ऐसे लोग हैं जो ऐसा कर सकते हैं. ये हैं पिता, माता और शिक्षक.
- मनुष्य को मुश्किलों का सामना करना जरूरी है क्योंकि सफलता के लिए यह जरूरी है.
- महान सपने देखने वालों के सपने हमेशा श्रेष्ठ होते हैं.
- जब हम बाधाओं का सामना करते हैं तो हम पाते हैं कि हमारे भीतर साहस और लचीलापन मौजूद है जिसकी हमें स्वयं जानकारी नहीं थी. और यह तभी सामने आता है जब हम असफल होते हैं. जरूरत हैं कि हम इन्हें तलाशें और जीवन में सफल बनें.
- भगवान उसी की मदद करता है जो कड़ी मेहनत करते हैं. यह सिद्धान्त स्पष्ट होना चाहिए.
- हमें हार नहीं माननी चाहिए और समस्याओं को हम पर हावी नहीं होने देना चाहिए.
- चलो हम अपना आज कुर्बान करते हैं जिससे हमारे बच्चों को बेहतर कल मिले.
पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने देश के लिए जो भी कुछ किया, नया इतिहास रचा देश कभी भुला नहीं सकेगा और न ही देशवासी। डॉ. कलाम के जीवन को आदर्श मानकर हमें ऐसा जीवन जीने का संकल्प लेना चाहिए। जिससे देश दिनों दिन तरक्की कर सके।