जम्मू कश्मीर के रहने वाले शहीद औरंगजेब जम्मू-कश्मीर की लाइट इन्फेंट्री JAKLI का हिस्सा थे, जो कि 44 राष्ट्रीय रायफल्स के साथ काम कर रही थी साल 2017 में 44 राष्ट्रीय रायफल्स की अगुवाई में ही भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर में करीब 260 से ज्यादा आतंकियों को मौत के घाट उतारा। शहीद औरंगजेब उसी टीम का हिस्सा भी रहे थे जिसने जैश सरगना मौलाना मसूद अजहर के भतीजे महमूद को मौत के घाट उतारा था, और उनका सबसे बढ़ा जो मिशन था उसमें वो भी मेजर शुक्ला की उस टीम का हिस्सा थे जिसने हिज्बुल कमांडर समीर टाइगर को मौत के घाट उतारा था।
उसके बाद से ही आतंकियों की हिटलिस्ट में शहीद औरंगजेब सबसे ऊपर थे, रमजान माह के दौरान जब सेना ने अपना ऑपरेशन आलआउट बंद किया हुआ था और ईद के लिए औरंगजेब भी अपने गाँव जा रहे थे तो रास्ते में ही उन्हें आतंकवादियों ने अगवा कर लिया था, और फिर औरंगजेब आतंकियों के हाथों शहीद हो गये थे। औरंगजेब की शहादत पर हर किसी ने उन्हें सलाम किया और पूरा देश उनके परिवार के साथ खड़ा दिखा इसके बाद शहीद औरंगजेब के पिता (भूतपूर्व सैनिक) ने प्रधानमंत्री मोदी से अपील की थी कि वो औरंगजेब को शहीद करने वाले आतंकियों को 72 घंटे के अन्दर ही मौत के घाट उतारें वरना वो खुद कश्मीर घाटी में जाकर आतंकियों से बदला लेंगे।
अब इस पूरे घटनाक्रम के बाद थल सेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत औरंगजेब के गाँव सलानी पहुंचे हैं, उन्होंने वहां पहुंचकर परिवार के सदस्यों के साथ संवेदना प्रकट की और साथ ही परिवार की हरसंभव सहायता करने का भी आश्वासन भी दिया। इसके बाद उन्होंने शहीद के पिता हनीफ से कहा कि औरंगजेब का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा आप चिंता न करैं, उन्हें शहीद करने वाले आतंकियों की अब खैर नहीं है उन्हें जल्द से जल्द मौत के घाट उतारा जाएगा।