जम्मू-कश्मीर मे बीजेपी ने महबूबा मुफ्ती सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है, जिससे जम्मू कश्मीर मे राज्यपाल शासन लग सकता है। जानकारी के लिए आपको बता दे जम्मू-कश्मीर मे तीन साल से भारतीय जनता पार्टी और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी का गठबंधन था। जम्मू-कश्मीर के बीजेपी प्रभारी राम माधव ने मीडिया को राज्य सरकार से समर्थन वापसी की जानकारी दी। उन्होंने बताया यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है। राम माधव ने बताया कि जम्मू कश्मीर में शांति और विकास के लिए यह गठबंधन किया गया था, जिसमे केन्द्र सरकार ने पूरा सहयोग किया। लेकिन राज्य की कमान पीडीपी के पास थी, जो अपना कर्तव्य निभाने मे नाकाम रही है और केंद्र के द्वारा किये जाने वाले कार्यों मे अड़चन पैदा कर रही थी।
यह भी पढ़ें:शहीद औरंगजेब को मारने वाले आतंकी कर लें अपना काउंटडाउन शुरू, उत्तराखंडी शेर की ललकार
बीजेपी प्रभारी राम माधव ने बताया की कुछ समय से राज्य मे आतंकवादी घटनाये भी ज्यादा हो रही थी और संघर्ष विराम के बाद मे सीजफायर का उल्लंघन हुआ है। लेकिन महबूबा मुफ्ती सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाये गए। बीजेपी प्रभारी ने यह भी बताया की लद्दाख और जम्मू मे हो रहे विकास कार्यों को भी अनदेखा किया गया है, जो राज्य की जनता के लिए अनुकूल नहीं है। बीजेपी ने राज्यपाल शासन की मांग की है, जिसे घाटी मे शांति व्यवस्था कायम हो सके।
जानकारी के लिए आपको बता दे जम्मू-कश्मीर विधानसभा मे 87 सीटें है, बीजेपी की 25 सीट और पीडीपी की 28 सीट से यह गठबंधन बना था। जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बीजेपी गठबंधन सरकार से अलग होने का एलान किया और अपना इस्तीफा राज्यपाल एनएन वोहरा को सौंप दिया है।