करीब 120 दिन के ब्रेक के बाद अब आम लोगों को कभी भी झटका लग सकता है। एक ओर ग्लोबल मार्केट में क्रूड ऑयल 14 साल के रिकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंच गया है, तो दूसरी ओर 5 राज्यों का विधानसभा चुनाव आज अंतिम पड़ाव में आ चुका है। पिछले कुछ सालों के ट्रेंड को देखें तो इस बात की आशंका है कि सरकारी तेल कंपनियां डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ाने की शुरुआत अब किसी भी समय कर सकती है।
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भारत में आम लोगों को जल्द ही एक बड़ा झटका लगने वाला है, जो उनके सफर से लेकर रसोई तक का बजट बिगाड़ने वाला होगा। जी हां, रूस-यूक्रेन की बीच जारी जंग के चलते कच्चे तेल की कीमत में बेतहाशा वृद्धि का बड़ा असर दिखने में अब कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं। हालिया, जारी रिपोर्टों में संभावना जताई गई है कि पांच राज्यों में जारी विधानसभा चुनावों के बाद या फिर चुनाव परिणाम सामने आने के बाद पेट्रोल और डीजल के दाम में बड़ा इजाफा हो सकता है। इससे जहां एक ओर सफर करना महंगा हो जाएगा, तो दूसरी ओर माल ढुलाई का खर्च भी बढ़ेगा, जिसका सीधा असर रोजमर्रा की चीजों पर पड़ेगा।
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पिछले साल नवंबर में देश के कई राज्यों में डीजल-पेट्रोल के दाम 100 रुपये प्रति लीटर से ऊपर निकल गए थे। इसके बाद केंद्र सरकार ने एक्साइज घटाकर लोगों को मंहगाई से बड़ी राहत दी थी। उसके बाद से अभी तक डीजल-पेट्रोल के दाम नहीं बढ़ाए गए हैं। बाद में राज्य सरकारों ने वैट (VAT) घटाया तो इनके दाम कम ही हुए। जब नवंबर में केंद्र सरकार ने एक्साइज में कटौती की थी, तब क्रूड ऑयल 82 डॉलर प्रति बैरल के आस-पास था। क्रूड ऑयल ग्लोबल मार्केट में अभी 2008 के बाद के उच्च स्तर पर पहुंच चुका है.रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्रेंट क्रूड (Brent Crude) रविवार के कारोबार में 11.67 डॉलर यानी करीब 10 फीसदी चढ़कर 129.78 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।