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उत्तराखंड के लाल ने आतंकियों के पोस्टर ब्वॉय समीर टाइगर और आकिब खान को घर में घुसकर मारा, पूरा देश कर रहा सलाम

उत्तराखंड के लाल ने एक बार फिर साबित कर दिया क्यूँ भारतीय सेना उनके बिना अधूरी सी है, हम यहाँ बात कर रहे हैं मेजर रोहित शुक्ला की, समीर टाइगर के नाम में ही सिर्फ टाइगर था क्यूंकि असली टाइगर तो उत्तराखंड के मेजर रोहित शुक्ला ही थे। कुछ दिन पहले हिजबुल आतंकी और उनके पोस्टर ब्वॉय समीर टाइगर ने मेजर रोहित को चुनोती देते हुए कहा था कि अगर अपनी माँ का दूध पिया है और हिम्मत है तो आमने सामने आकर लड़ो, उसके बाद से मेजर रोहित शुक्ला का खून खोला हुआ था और वो समीर टाइगर को पकड़ने के लिए लगातार जाल बुनते जा रहे थे, और अब जब खुफिया जानकारी मिलने के बाद सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीम ने पुलवामा के द्रबगाम गांव में घेराबंदी शुरू कर दी, क्यूंकि जानकारी मिली थी कि यहाँ समीर टाइगर और आकिब खान अपने साथियों के साथ छुपा हुआ है।

इस पूरे घटनाक्रम में सेना का नेत्रित्व मेजर रोहित शुक्ला कर रहे थे, उसके बाद आतंकियों ने खुद को घिरता हुआ देख फायरिंग शुरु कर दी थी और फिर सेना ने भी जवाबी कार्यवाही शुरू कर दी थी, और फिर मेजर रोहित के नेत्रित्व में सेना ने अपनी जाबांजी का शानदार नमूना पेश करते हुए आतंकियों के पोस्टर ब्वॉय समीर टाइगर और आकिब खान को वहां एनकाउंटर में मार गिराया। एनकाउंटर के दौरान स्थानीय लोगों ने पत्थरबाजी भी की, जिसके कारण भारतीय सेना के कुछ जवान जख्मी भी हो गये।

उत्तराखंड के लाल मेजर रोहित शुक्ला ने इस तरह आतंकी समीर टाइगर के चैलेंज को स्वीकार करते हुए मौत के घाट उतार दिया पर इस दौरान उनके हाथ में भी एक गोली लग गयी है। मेजर उत्तराखंड के देहरादून में इंदर रोड पर रहते हैं उनके पिता ज्ञान शुक्ला और माँ विजयलक्ष्मी शुक्ला दोनों पेशे से वकील हैं, इस घटना के बाद मेजर के पिता ने कहा कि मैं बहुत खुश हूँ क्यूंकि रोहित ने देश के दुश्मनों का सफाया किया है और वह सिर्फ मेरा ही बेटा नहीं बल्कि पूरे देश का बेटा है। जब गोली लगने के बारे में पिता ने मेजर रोहित शुक्ला को फोन किया तो उन्होंने कहा कि ये मामूली चोट है जल्द ठीक हो जायेगी और मैं पूरी तरह से स्वस्थ हूँ। आपको बता दें कि मेजर शुक्ला को इससे पहले भी कई सारे ऑपरेशन में दुश्मनों के दांत खट्टे कर चुके हैं इसी वजह से इस साल 27 मार्च को भारतीय राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शौर्यचक्र प्रदान किया था।