Home देश बिना किसी माप प्रणाली के कैसे बने केदारनाथ से रामेश्वरम तक एक...

बिना किसी माप प्रणाली के कैसे बने केदारनाथ से रामेश्वरम तक एक सीधी रेखा में ये 8 शिव मंदिर, जानिए एक अनोखा रहस्य

भारत ने अध्यात्म, ज्ञान, विज्ञान के क्षेत्र में जो उन्नति हासिल की है वो आज के आधुनिक विज्ञानं से कहीं आगे है। उन ऊचाइयों को छूना आधुनिक समाज के लिए अभी संभव नहीं है। इसकी मिसाल है एक हजार साल से भी पुराने ये आठ शिव मंदिर, जो एक दूसरे से 500 से 600 किमी दूर स्थित हैं। मगर, उनकी देशांतर रेखा एक ही है।  सीधी भाषा में कहें, तो सभी मंदिर एक सीध में स्थापित हैं। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि क्या प्राचीन हिंदू ऋषियों के पास कोई ऐसी तकनीक थी, जिसके माध्यम से उन्होंने भौगोलिक अक्ष को मापा और इन सभी सात शिव मंदिरों को एक सीधी रेखा पर बनाया।

यह संभव हो सकता है क्योंकि बिना किसी माप प्रणाली के इन मंदिरों को एक सीधी रेखा में बनाना संभव नहीं है, खासतौर पर तब जबकि वे एक दूसरे से सैकड़ों किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। ये सभी मंदिर भौगोलिक दृष्टि से 79°E,41’,54” देशांतर रेखा पर स्थित हैं। यह साबित करता है कि वर्तमान विज्ञान जिस पर हमें गर्व है, प्राचीन योगिक विज्ञान का 10 फीसद भी नहीं है।

जानते हैं कौन से शिव मंदिर हैं ये…

  • केदारनाथ मंदिर – (उत्तराखंड )
  • कलेश्वरम – कलेश्वरा मुक्तेश्वर स्वामी मंदिर – (तेलंगाना)
  • श्री कलाहस्ती – श्री कलाहस्तेश्वरा मंदिर – (आंध्र प्रदेश )
  • कांचीपुरम – एकाम्बरेश्वर मंदिर – (तमिलनाडु)
  • थिरुवनैकवल – जंबुकेश्वर मंदिर – (तमिलनाडु)
  • तिरुवन्नैमलाई – अन्नामलाइयर मंदिर – (तमिलनाडु )
  • चिदंबरम – थिल्लई नटराज मंदिर – (तमिलनाडु)
  • रामेश्वरम – रामानाथस्वामी मंदिर – (तमिलनाडु)

इन 8 मंदिरों में से पांच प्रकृति के पांच तत्वों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिन तत्वों पर पूरे ब्रह्मांड का निर्माण होता है। ये तत्व वायु, जल, अंतरिक्ष/आकाश, पृथ्वी, अग्नि है। इन्हें हिंदू धर्म ग्रंथों में पंच भूत के नाम से जाना जाता है।


LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here