एक बार फिर कुदरत ने उत्तराखंड के चमोली में कहर बरसाया है। बीती रात जिले के घाट के धूर्मा ग्राम में इंटर कॉलेज के पास बादल फट गया। इससे तीन मकान, दो घराट, इंटर कालेज का बाथरूम सहित कृषि भूमि को नुकसान हुआ है। वहीँ गाँव के लोगों ने भाग कर अपनी जान बचाई। चमोली के थराली क्षेत्र के पिंडरघाटी स्थित गुड़म गांव के जंगल में शनिवार तड़के बादल फटने से गुड़म, थाला, लोल्टी गांवों में भारी तबाही हुई। गदेरों (नाले) के उफान पर आने से गांव में मलबा भर गया। इस दौरान दो महिलाएं मलबे की चपेट में आ गई। आनन-फानन में परिजनों ने दोनों महिलाओं को खींचकर मलबे से बाहर निकाला।
गौशाला दबने से 10 मवेशी भी घायल हुए हैं। घटना की सूचना मिलते ही तहसील प्रशासन और पुलिस की टीम ने मौके पर जाकर लोगों को राहत पहुंचाई। पिथौरागढ़ जिले के नाचनी में शुक्रवार रात हुई भारी बारिश ने तबाही मचाई थी। यहाँ टिम्टिया गांव में एक मकान में मलबा घुसने से बुजुर्ग राम सिंह की मौत हो गई और उनकी पत्नी धनी देवी घायल हो गई। गांव के दो और लोग भी घायल हुए हैं। नाचनी में बोल्डर गिरने से एक मकान ध्वस्त हो गया है तो तीन मकान रामगंगा नदी में समा गए हैं।
बादल फटने की घटना के बाद सबसे ज्यादा नुकसान चमोली जिले के गोविन्दघाट में हुआ है हेमकुंड साहिब के प्रवेश द्वार गोविंदघाट में शनिवार सुबह पांच बजे बरसाती नाले में बादल फटने से भारी तबाही मची। यहां लगभग 30 मीटर तक बदरीनाथ हाईवे पूरी तरह से बह गया है, जबकि 40 वाहन मलबे में दफन हो गए हैं। साथ ही दुकानों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। इस दौरान डेक्कन कंपनी का हेलीपेड और हेलीकॉप्टर बरसाती नाले की चपेट में आने से बाल-बाल बच गया।
चमोली जिले की जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया व जिले के अन्य आला अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया। गनीमत यह रही कि इस दौरान कोई जनहानि नहीं हुई है। भारी बारिश के कारण मलबा गोविंदघाट गुरुद्वारे के पीछे से होते हुए अलकनंदा में जा पहुंचा, जिससे यहां पार्किंग में खड़े लगभग 40 वाहन मलबे में दब गए हैं। डीएम ने आपदा, पुलिस और एसडीआरएफ की टीमों को राहत, बचाव कार्य में जुट जाने के निर्देश दिए।