देवभूमि उत्तराखंड में शुक्रवार को बारिश से अचानक नदियों का जलस्तर बढ़ गया। मैदान से लेकर पहाड़ तक नदियां उफान पर आ गयी हैं। ऋषिकेश और हरिद्वार में गंगा का जलस्तर देर रात अचानक बढ़ने से लोग दहशत में आ गए। वहीं चमोली, रुद्रप्रयाग और श्रीनगर में भी अलकनंदा और मंदाकिनी नदी खतरे के निशान से ऊपर पहुच गई। उधर, कुमाऊं में धौली और काली नदी के जलस्तर में और अधिक वृद्धि हो गई है। योगनगरी ऋषिकेश में शुक्रवार रात करीब आठ बजे गंगा का जलस्तर अचानक बढ़कर खतरे के निशान के पास पहुचं गया। आनन-फानन प्रशासन ने गंगा के आसपास के इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है।
उत्तराखंड: कुमाऊँ का लाल कर गया कमाल, पिता सेना में सूबेदार अब बेटा बना लेफ्टिनेंट
वहीँ बात अगर रुद्रप्रयाग जिले की करैं तो जिला मुख्यालय में अलकनंदा और मंदाकिनी नदी खतरे के निशान को पार कर गई हैं। लगातार हो रही बारिश को देखते हुए जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। अलकनंदा नदी 627 और मंदाकिनी नदी 626 मीटर पर बह रही हैं, जो मूल बहाव से दो मीटर ऊपर है। शुक्रवार सुबह से जिले में बारिश हो रही है। सात बजे सुबह ही नदियों ने खतरे के निशान को पार कर लिया था। जबकि साढ़े आठ बजे के नदियां खतरे के निशान से भी यह दो मीटर ऊपर से बह रही है। प्रशासन द्वारा नदी किनारे बसे लोगों को सुरक्षा की दृष्टि से सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनएस रजवार ने बताया कि स्थिति पर नजर जा रखी है।
पौड़ी गढ़वाल में दर्दनाक सड़क हादसा…खाई में गिरी मैक्स… 1 ही गांव के 3 लोगों की मौत
मौसम विभाग की ओर से चेतावनी जारी की गई है कि इन जिलों में छोटी नदियों, नालों के समीप रहने वाले लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। इतना ही नहीं मौसम विभाग के मुताबिक मौसम के बदले मिजाज के चलते राज्य के मैदानी इलाकों में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाओं के चलने की भी संभावना जताई गई है। वहीं, देहरादून समेत कई जिलों में आकाशीय बिजली गिरने के साथ ही तेज बौछार पड़ने की संभावना व्यक्त की है। चमोली जिले में बृहस्पतिवार देर रात शुरू हुई बारिश शुक्रवार को दिनभर होती रही। बारिश से जिले में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बदरीनाथ हाईवे के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 32 सड़कें मलबा आने से बंद हो गईं।