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बड़ी ख़बर: उत्तराखंड हाइकोर्ट का एलान… चारधाम यात्रा पर फिलहार रोक… सरकार को दिए ये निर्देश

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा कब से शुरू होगी, इस पर निर्णय आज बुधवार को उच्च न्यायालय में सुनवाई के बाद होना था। कोविड 19 महामारी की रोकथाम में राज्य सरकार के प्रबंधों को लेकर एक जनहित याचिका पर न्यायालय में बुधवार को सुनवाई हुई। राज्य सरकार को अदालत के सामने अपना पक्ष रखना था। न्यायालय चारधाम के कपाट खुलने के समय कोविड 19 महामारी की गाइडलाइन का कायदे से पालन न होने पर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुका है। कोर्ट में मामला होने की वजह से ही सोमवार को प्रदेश सरकार ने चारधाम यात्रा खोलने को लेकर अपने कदम पीछे खींचे।

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अब आज प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामलों पर हाईकोर्ट सख्त हो गया है। नैनीताल उच्च न्यायालय ने प्रदेश के मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव और पर्यटन सचिव को जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक़, उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य में चारधाम यात्रा पर आगामी 22 जून तक रोक लगाते हुए नई नियमावली न्यायालय के सामने रखने को कहा है। न्यायालय ने पर्यटन सचिव के मुख्यमंत्री व अन्य अधिकारियों के राज्य से बाहर होने के तर्क को नकारते हुए ऑनलाइन मीटिंग कर नई नियमावली बनाने को कहा है।

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सूत्रों के मुताबिक़ मुख्य न्यायाधीश रविन्द्र सिंह चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने ऑनलाइन सुनवाई के बाद पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर को विस्तृत सपथपत्र दाखिल करने को कहा। न्यायालय ने चारधाम की तैयारीयों के साथ उनके द्वारा किये गए निरीक्षण के दौरान पाई गई खामियों, चारधाम यात्रा के लिए तैनात पुलिस जवानों की संख्या पर जानकारी देने को कहा है। खंडपीठ ने पूछा है कि चारधाम मार्ग को सैनिटाइज किया जाएगा या नहीं ? सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा बताया गया कि 2020 में चारधाम में 3 लाख 10 हजार 568 श्रद्धालु दर्शन में गए थे, लेकिन इस वर्ष कोविड की दूसरी लहर काफी भयावह है। ऐसे में सरकार को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का ध्यान रखने की जरूरत है। अब 23 जून को होगी मामले की अगली सुनवाई।

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