उत्तराखंड में पहाड़ी जिले पिथौरागढ़ में कोरोना संक्रमित मृत बुजुर्ग के अंतिम संस्कार को लेकर बवाल मच गया। विकासखंड कनालीछीना के तीतरी क्षेत्र में शवदाह के लिए आए लोगों पर ग्रामीणों ने पथराव किया। मृतक के परिजनों की मार्मिक अपील पर भी ग्रामीण नहीं माने। आखिर टीम को दूसरे घाट पर अंत्येष्टि करनी पड़ी। तहसीलदार कनालीछीना ने अस्कोट पुलिस को पथराव करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए।
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कनालीछीना के नजदीक ख्वांकोट के 97वर्षीय एक बुजुर्ग की रविवार को कोरोना से मौत हो गई। कनालीछीना विकासखंड के कोरोना संक्रमितों के अंतिम संस्कार के लिए प्रशासन ने तीतरी गांव के नजदीक काली नदी किनारे शवहाद स्थल चिन्हित किया है। बुजुर्ग की मौत की सूचना पर प्रशासन ख्वांकोट पहुंचा और शव को तीतरी ले जाया गया। लेकिन तीतरी व स्यालतड़ के ग्रामीण संक्रमित शव का गांव के नजदीक अंतिम संस्कार करने से भड़क गए। उन्होंने इसका विरोध शुरू कर दिया। प्रशासन व परिजनों ने इसके बाद भी अंतिम संस्कार की कार्रवाई जारी रखी तो ग्रामीणों ने उन पर पथराव शुरू कर दिया। इस दौरान हाथापाई भी शुरू हो गई।
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ग्रामीणों का कहना था कि गांव के नजदीक संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार करने से खतरा बढ़ गया है। ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए तहसीलदार मनीषा बिष्ट ने अस्कोट थाने से पुलिस बुलाई। जिसके बाद पुलिस फोर्स की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया। बुजुर्ग की मौत की सूचना पर प्रोटोकाल के तहत शव को अंत्येष्टि के लिए ले जाया गया। ग्रामीणों ने इसका विरोध करते हुए शवदाह नहीं करने दिया गया। तब जाकर मृतक के परिजनों ने इसकी सूचना तहसील प्रशासन को दी। संकट काल में घाट पर शवदाह न करने देने की इस घटना की राज्यभर के लोगों ने निंदा की है। मनीषा बिष्ट, तहसीलदार, कनालीछीना ने इस पर कहा कि पथराव करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अस्कोट थाने को निर्देशित किया गया है। पूर्व में ही संक्रमित शवों के अंतिम संस्कार के लिए यह स्थान चिन्हित किया गया है।