7 फरवरी 2021, ये तारीख उत्तराखंड के साथ-साथ देश शायद ही भूल पाए। ये वो तारीख है जिस दिन उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने की वजह से 200 से ज्यादा जिंदगियां काल के गाल में समा गईं। हजारों करोड़ों रुपये का नुकसान हो गया। अचानक आई इस आपदा में मानो चमोली स्थित रैणी गांव से लेकर तपोवन तक का पूरा नक्शा ही बदल कर रख दिया। आगे पढ़ें:
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इसी आपदा के दौरान रैणी गांव के निकट काली माता का मंदिर भी आपदा में बह गया था। उसी काली माता के मंदिर के निकट से माता भगवती की मूर्ति को आपदा स्थल से स्थानीय ग्रामीणों ने सकुशल बरामद कर लिया है। आपको बता दे कि, आपदा में काली माता मंदिर के बहने के साथ- साथ उनकी मूर्ति और मंदिर में रखे समान का पता नहीं चल पा रहा था। लिहाज माता की मूर्ति ढूंढने के लिए ग्रामीणों ने छानबीन की जिस दौरान माता भगवती की मूर्ति और चांदी के छतर मिले। हालांकि कुछ लोगों ने इसे भगवान के प्रति आस्था का नाम दिया लेकिन एक बार फिर से आपदा के ऊपर आस्था भारी पड़ी है। इसका जीता जागता उदाहरण है रैणी गांव में घटी ये घटना।