उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) से पास आउट होकर आज 333 युवा भारतीय थल सेना में अफसर बन गए हैं। शनिवार सुबह आईएमए देहरादून में पासिंग आउट परेड हुई जिसमें कुल 423 अफसरों ने हिस्सा लिया। इनमें से 90 जेंटलमैन कैडेट्स नौ अलग-अलग देशों से भी शामिल हैं। पिछले वर्षों की तरह इस बार भी उत्तरप्रदेश के सबसे ज्यादा 66 कैडेट पास आउट होंगे। हालांकि उत्तराखंड ने भी शीर्ष में जगह बनाई है। उत्तराखंड से इस बार 31 कैडेट सेना में अफसर बन रहे हैं। उत्तराखंड-बिहार के साथ संयुक्त रूप से तीसरे नंबर पर है। दूसरे नंबर पर 39 कैडेट के साथ हरियाणा है।
सुबह छह बजकर 42 मिनट पर कैडेट परेड स्थल पहुंचे और परेड शुरू हुई। डिप्टी कमांडेंट ने सबसे पहले परेड की सलामी ली। ठीक सात बजकर पांच मिनट पर कमांडेंट ले. ज. जयवीर सिंह नेगी ने परेड की सलामी ली। इसके बाद सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने परेड का निरीक्षण किया। पीओपी के मुख्य अतिथि भारतीय सेना प्रमुख जनरल मुकुंद नरवणे परेड मैदान में पहुंचे। जेंटलमैन कैडेट्स ने सलामी देकर उनका स्वागत किया। परेड की अनुमति देने के बाद वे निरीक्षण किया। आइएमए परेड में इस बार कोरोना के लिहाज से हर स्तर पर एहतियात दिख रही है। हर टुकडी में अमूमन दस कैडेट एक लाइन में होते हैं, पर इस बार इनकी संख्या आठ रखी गयी। ताकि कैडेटों के बीच दो मीटर की दूरी बरकरार रहे।
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पहली बार ऐसा हो रहा है कि आईएमए की पासिंग आउट परेड (पीओपी) के दौरान ड्रिल स्क्वायर पर सीना चौड़ा किए कदमताल करके अपने बेटे को देखने और उसके कंधों पर सितारे सजाने की माता-पिता की इच्छा पूरी नहीं हो पा रही है। और यह सब हो रहा है कोरोना संक्रमण के कारण, पीओपी में आईएमए की ओर से किसी भी कैडेट्स के परिजनों को बुलावा नहीं भेजा गया था। 90 युवा सैन्य अधिकारी नौ मित्र देशों अफगानिस्तान, तजाकिस्तान, भूटान, मॉरीशस, मालद्वीव, फिजी, पपुआ न्यू गिनी, श्रीलंका व वियतनाम की सेना का अभिन्न अंग बनेंगे। भारतीय सैन्य अकादमी के नाम देश-विदेश की सेना को 62 हजार 562 युवा सैन्य अधिकारी देने का गौरव जुड़ गया। इनमें मित्र देशों को मिले 2503 सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं।